Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विद्युत वितरण कंपनी इन दिनों आम उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगा रही है. कई बड़े शहरों में स्मार्ट मीटर लगा भी दिए गए हैं. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं की आम शिकायत है कि लगाए गए स्मार्ट मीटर, पुराने मीटर की तुलना में ज्यादा खपत बता रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा रहा है.
उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उपसचिव ने किया वाद दायर
स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उप सचिव सतीश वर्मा ने पश्चिमी मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग भोपाल में उपभोक्ता के नियम का पालन एवं विद्युत नियामक आयोग के नियम 7 अगस्त 2013 के पालन संबंध में एक वाद दायर किया है.
एक पक्षीय निर्णय लेकर लगाए जा रहे हैं स्मार्ट मीटर
दायर किए गए वाद में बताया गया है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने से पूर्व नियामक आयोग में वाद दायर किया जाना था ,जिसमें आम उपभोक्ताओं के सुझाव लेने थे और दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्मार्ट मीटर पर कोई निर्णय लिया जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस प्रकार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एक पक्षीय निर्णय लेकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं जो नियम के खिलाफ है.
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आम उपभोक्ताओं को 6 अधिकार कानूनन प्राप्त हैं
आम उपभोक्ताओं को 6 अधिकार कानूनन प्राप्त हैं. इनमें से एक अधिकार बिजली मीटर का चयन भी है. विद्युत मीटर नाप तोल के नियम के दायरे में आता है नापतोल के नियम 1999 तक बिजली के मीटर नाप तोल विभाग द्वारा सत्यापित कराने का नियम था, जिसे हटा दिया गया. इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. अगर देखा जाए तो विद्युत वितरण कंपनी पर ना तो उपभोक्ता का नियम लागू हो रहा है और ना ही माननीय विद्युत नियामक आयोग के नियम लागू हो रहे हैं. इस प्रकार विद्युत वितरण कंपनी अपनी मर्जी के नियम चला रही हैं.
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