Premananda Maharaj Health Update: मध्य प्रदेश के बैतूल से आई यह तस्वीर बताती है कि अच्छाई और इंसानियत का कोई मज़हब नहीं होता. धर्म, जात-पात और मज़हब से ऊपर उठकर सब एकजुट हो जाते हैं, जब बात आती है वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज जैसी महान शख्सियत की. उनका जीवन प्रेम, सेवा और एकता का प्रतीक रहा है.
बैतूल जिले की पहलवान बाबा की दरगाह पर आज अनोखा नज़ारा देखने को मिला. हाथों में प्रेमानंद महाराज की तस्वीर और चादर लिए मुस्लिम समाज के लोग दरगाह पहुंचे. उन्होंने दरगाह पर कुरान की तिलावत की और महाराज की सेहत और लंबी उम्र की दुआ मांगी.
Prays for Premananda Maharaj: ''प्रेमानंद महाराज जैसे लोग समाज को जोड़ते हैं''
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि प्रेमानंद महाराज जैसे लोग समाज को जोड़ते हैं और हर धर्म का सम्मान करते हैं, इसलिए आज हम उनके लिए दुआ करने आए हैं. प्रेमानंद महाराज हमेशा मानव सेवा, आपसी सद्भाव और धर्मों के मेलजोल के संदेश के लिए जाने जाते हैं.
मुस्लिम युवक शेख सलीम ने बताया कि प्रेमानंद महाराज की शिक्षाएं बताती हैं कि "प्रेम ही ईश्वर है और सेवा ही सच्ची पूजा." आज बैतूल में मुस्लिम समाज की यह पहल न केवल इंसानियत की मिसाल है, बल्कि उस विचार की भी श्रद्धांजलि है, जिसे प्रेमानंद महाराज अपने जीवन से देते आए हैं: "जब दिलों में मोहब्बत हो, तो कोई दीवार टिक नहीं सकती."
सामाजिक कार्यकर्ता शारिक खान कहते हैं कि बैतूल की यह तस्वीर दिखाती है कि प्रेमानंद महाराज की अच्छाइयां लोगों के दिलों में कितनी गहराई से बसी हैं. वह सिर्फ एक संत नहीं, बल्कि एकता और इंसानियत के दूत बन चुके हैं.
प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य अपडेट
प्रेमानंद महाराज लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं. पेट में दर्द और सूजन की शिकायत के बाद उन्हें मंगलवार को वृंदावन के बिरला मंदिर के पास स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच के लिए लाया गया. इस कारण उनकी नियमित पदयात्रा रोक दी गई थी.
स्वास्थ्य कारणों से तीन दिन से रुकी हुई उनकी पदयात्रा गुरुवार से वापस शुरू हो गई है. डॉक्टरों की सलाह पर सीटी स्कैन करवाने के बाद यह उनकी पहली पदयात्रा है. इससे पहले, स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह बाहर निकलने के बजाय केवल श्री हित राधा केलिकुंज आश्रम के बाहर खड़े होकर ही भक्तों को दर्शन दे रहे थे.
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