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भिंड में पुलिस की गुंडागर्दी: महिलाओं-बच्चियों से की मारपीट, घर में घुसकर तोड़फोड़, थाने में 5 लोगों को दी गई बर्बर यातनाएं

Police brutality in Bhind: घटना भिंड के फूप थाना क्षेत्र के सैनिक कॉलोनी की है. आरोपी प्रमोद शर्मा का भतीजा विवेक शर्मा अपने घर के बाहर ठेले से सब्जी खरीद रहा था. इसी दौरान मोहल्ले का ही युवक छोटू जाटव अपनी बाइक लेकर वहां से गुजरा और उसकी बाइक विवेक से टकरा गई. मामूली टक्कर के बाद दोनों के बीच कहासुनी हुई और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया.

भिंड में पुलिस की गुंडागर्दी: महिलाओं-बच्चियों से की मारपीट, घर में घुसकर तोड़फोड़, थाने में 5 लोगों को दी गई बर्बर यातनाएं

Madhya Pradesh News: भिंड में पुलिस की बर्बरता का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने न केवल आम लोगों को हिला दिया, बल्कि न्यायालय में फूप थाना पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया. पीड़ित को पुलिस के कटर (वसूली मैन) से पंगा लेना इतना भार पड़ गया कि पुलिस ने बिना किसी ठोस आधार के पूरे परिवार को निशाना बनाते हुए घर में घुसकर उत्पात मचाया. महिलाओं-बच्चों से मारपीट की, घर में तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं घर के पांच लोगों को थाने ले जाकर रातभर टॉयलेट में बंद कर लाठी-डंडों से बर्बरता पूर्ण पिटाई की.

पुलिस ने इस मामले में पीड़ित के खिलाफ मामला दर्ज कर पांचों लोगो का मेडिकल कराकर कोर्ट में पेश किया. जिसमें दो की हालत गंभीर होने से कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने पीड़ित की हालत देखकर पैनल के साथ दुबारा जांच के आदेश दे दिए। साथ ही पांचों लोगों को तुरंत जमानत दे दी.

दरअसल, घटना भिंड के फूप थाना क्षेत्र के सैनिक कॉलोनी की है. आरोपी प्रमोद शर्मा का भतीजा विवेक शर्मा अपने घर के बाहर ठेले से सब्जी खरीद रहा था. इसी दौरान मोहल्ले का ही युवक छोटू जाटव अपनी बाइक लेकर वहां से गुजरा और उसकी बाइक विवेक से टकरा गई. मामूली टक्कर के बाद दोनों के बीच कहासुनी हुई और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया. आरोप है कि विवेक और परिजनों ने छोटू जाटव के साथ मारपीट की. उसी समय विवाद का वीडियो बनाने वाले पुलिस का कटर (वसूली करने बाला) दीपक परमार से भी बहस हो गई.

दीपक के पड़ोस में रहने बाले आरक्षक राहुल राजावत ने कटर-वसूली मैन के समर्थन में भारी पुलिस बल को मौके पर बुला लिया. कुछ देर बाद दर्जनों पुलिसकर्मी विवेक शर्मा के घर पर अचानक धावा बोल दिया. आरक्षक राहुल राजावत विवेक शर्मा के चाचा प्रमोद शर्मा के साथ मारपीट की. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फूप थाने के आरक्षक अभिषेक गुप्ता, राहुल शिकरवार, राहुल राजावत, सुमित तोमर, रवि अग्रवाल,सुभम यादव, मनोज पालिया सभी पुलिसकर्मियों ने जमकर उत्पात मचाया.

घर मे मौजूद बच्ची प्रतिमा का कहना है कि सभी पुलिसकर्मियों ने घर का गेट तोड़ा, अंदर घुसकर उसकी माँ और दादी को थाने ले जाने के लिए गाड़ी में बिठाने लगे. उनके साथ मारपीट की है. पीड़िता प्रतिमा शर्मा ने रो- रोकर अपनी पीड़ा बताई. पीड़ित लड़की ने फूप थाना प्रभारी सतेंद्र राजपूत पर भी आरोप लगाए. पीड़िता कहना है, “हमारे घर में घुसकर एक घंटे तक तांडव मचाया. मां और उसकी दादी तक को नहीं छोड़ा.

पुलिस उत्पात का वीडियो बनाने पर मेरा मोबाइल छीनने की कोशिश की गई. मेरा हाथ पकड़ा साथ ही मेरे बाल खींचे. कोई महिला पुलिस कर्मी मौजूद नही थी 'हमने ऐसी पुलिस नहीं देखी—ना कानून, ना इंसानियत. इसके बाद सभी सदस्यों को थाने ले गई. जहां महिलाएं और बच्चियों को छोड़ दिया गया, लेकिन घर के पांच लोग विवेक शर्मा, प्रमोद शर्मा, दीपक शर्मा, अभिषेक शर्मा और सुरेश शर्मा को पुलिस रातभर थाने में बंद रखकर बेरहमी से पीटा गया.

प्रमोद का आरोप है कि हवालात में लगे CCTV कैमरों से बचने के लिए, उन्हें टॉयलेट में ले जाकर, लाठी-डंडो, बेल्ट और जूतों से जमकर पीटा. सबसे गंभीर चोटें प्रमोद शर्मा और दीपक शर्मा को आईं. प्रमोद के कमर की हड्डी में गहरी चोट आई है जिससे वह ठीक से चल भी नही पा रहा था.

पुलिस ने बाइक सवार को फरियादी बनाकर पांच लोगों के खिलाफ एससी,एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट में पेश किया. पीड़ित की हालात इतनी खराब थी कि कोर्ट में चलने तक की स्थिति में नहीं था. घटना के दूसरे दिन शनिवार सुबह पुलिस पांचों आरोपियों को मेडिकल के बाद अदालत में लेकर पहुंची. कोर्ट ने जैसे ही पीड़ितों की हालत देखी, तुरंत कार्रवाई रोक दी और पुलिस से सख्त सवाल पूछे.

पुलिस के मेडिकल में प्रमोद शर्मा को एक दर्जन गंभीर चोटें दर्ज मिलीं. दीपक और अन्य आरोपियों को भी गंभीर चोटें थीं. कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए पैनल बोर्ड से दुबारा मेडिकल परीक्षण कराने के आदेश दिए. साथ ही इसके बाद न्यायालय ने पांचों आरोपियों को तत्काल जमानत दे दी गई.

पीड़ित परिवार पुलिस से खौफ में है. उसको डर है पुलिस कभी भी किसी मामले में झूठा फंसा सकती है. पक्षकार विवेक शर्मा के वकील हिमांशु शर्मा ने कोर्ट में कहा, “यह पूरी कार्रवाई एकतरफा और पुलिस की प्रताड़ना का उदाहरण है. “हवालात में लाठी-डंडे बरसाए गए.” प्रमोद शर्मा के शरीर पर दर्जनों गंभीर चोटें आईं है... पुलिस ने सत्ता के दबाव में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया.

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अटेर एसडीओपी राजेन्द्र बास्कले ने कहा है कि न्यायालय ने पैनल बोर्ड से मेडिकल कराए जाने के निर्देश दिए है. उसी के आधार पर दुबारा चैकअप कराया जाएगा. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी. इस मामले में घटना के बाद पूरे क्षेत्र में पुलिस के प्रति भारी आक्रोश है. लोग कह रहे हैं कि यह सिर्फ विवाद नहीं, बल्कि वर्दी के नाम पर खुलेआम गुंडागर्दी है.

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