Private Books Favored: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिण्ड (Bhind) जिले में NCRT की जगह प्राइवेट प्रकाशन (Private Publication) की किताबों को लेकर कलेक्टर (District Collector) इन दिनों सख्त है. कलेक्टर ने एक ऐसे स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की है, जो NCERT की जगह महंगे दामों की प्राइवेट प्रकाशन की किताब (Private Books) खरीदने के लिए परिजनों को मजबूर किया. कलेक्टर ने एक ऐसे ही छात्र के गरीब मजदूर पिता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विद्या निकेतन स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी. साथ ही, संचालक को नोटिस भी जारी कर दिया है. मजदूर पिता महंगे दामों की किताब खरीदकर कलेक्टर से शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंचा था.
गरीबों को बच्चों को पढ़ाना हुआ मुश्किल
भिण्ड के नयापुरा का रहने वाले इमदाद अहमद लकड़ी का फर्नीचर बनाने का काम करते है. इमदाद अहमद खान दिन भर मेहनत-मजदूरी कर 500 रुपए कमाते है. जिसमें से उसके घर का खर्च के अलावा सात साल के बेटे की पढ़ाई में खर्च हो जाता है. इमदाद अहमद का 7 साल का बेटा अदानन खान झांसी मोहल्ले के ही विद्या निकेतन स्कूल में पढ़ता है. इस स्कूल के प्रबंधन ने किताबें खरीदने के लिए पर्ची दी, जिस पर सुविधा बुक स्टोर का नाम लिखा था. यह किताबें दूसरी किसी दुकान पर उपलब्ध ही नहीं थीं. पुस्तक बाजार में संचालित इस दुकान से जब किताबें खरीदी, तो दुकानदार ने 2130 रुपए मांगे.
किताब दुकान वालों की मनमानी
इमदाद अहमद का कहना है कि जब इतनी अधिक कीमत सुनकर मोल-भाव का प्रयास किया, तो दुकानदार ने साफ इंकार कर दिया. इतना ही नहीं, कॉपियों के लिए 500 रुपए और अलग से मांगे गए. लेकिन, मेरे पास पूरे रुपए न होने की वजह से कॉपियां नहीं खरीद पाया. खास बात तो यह है कि इन किताबों में एनसीईआरटी की एक भी किताब नहीं थी. जिसकी शिकायत कलेक्टर से की. इस मामले में स्कूल संचालिका खुद को निर्दोष बता रही है. स्कूल संचालिका का कहना है कि छात्र के पिता पुरानी पर्ची लेकर प्राइवेट प्रकाशन की किताब खरीदी थी. नोटिस दिया है हम अपनी बात रखेंगे.
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कलेक्टर ने तुरंत लिया संज्ञान
इस शिकायत के बाद जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एक ही दुकान से अधिक दाम पर किताबें खरीदने के लिए बाध्य करने वाले सानिध्य विद्या निकेतन स्कूल की मान्यता को तुरंत सस्पेंड कर दिया. इससे कुछ दिन पहले सेंट माइकल स्कूल की मान्यता भी सस्पेंड की गई थी. हालांकि, इस मामले में कलेक्टर मीडिया के कैमरे के सामने कुछ भी नहीं बोल रहे है.
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