Chhatarpur Budhi Shyamar village Liquor Ban Decision : शराब अधिकांश मामलों में अपराधों और घरेलू हिंसा की बड़ी वजह होती है. शराब ने कई घरों को उजाड़ दिया है. कई लोगों की खुशियां छीन ली. ऐसे तमाम जख्मों को झेलने के बाद एमपी के छतरपुर जिले के एक गांव में बड़ा निर्णय लिया गया. ग्रामीणों ने गांव में शराब बंदी को लेकर एक नेक पहल की शुरूआत की है. गांव वालों ने शराब पीने पर जुर्माना और शराब बेचने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों की इस पहल की तारीफ हो रही है.
बूढ़ी श्यामर गांव में पहल की हुई शुरुआत
दरअसल, छतरपुर के बड़ामलहरा/विधानसभा क्षेत्र के बकस्वाहा ब्लाक के बूढ़ी श्यामर गांव में इस पहल की शुरुआत हुई है. यहां लोगों ने बैठक कर ऐतिहासिक निर्णय लिया. गांव को नशा मुक्त बनाने पर ये बड़ा कदम साबित हो सकता है. देवेंद्र सिंह लोधी सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि 28 दिसंबर को गांव के सभी लोगों ने एकत्रित होकर एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें सभी लोगों ने एक राय होकर शराब के नशे से बर्बाद हो रही पीढ़ी और उसके दुष्प्रभाव के संबंध में विस्तार से चर्चा की. सभी ग्रामीणों ने एकत्रित होकर एक निर्णय लिया कि शराब के नशे से व्यक्ति का जीवन अंधकारमय हो रहा है. नशा करने वाले का पूरा परिवार बच्चे पत्नी सभी परेशान रहते हैं.
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एक जुट होकर शराब बंदी का निर्णय लिया
शराब पीने वाले व्यक्ति का परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. साथ ही वह अपने शरीर को विनाश की ओर ले जाता है. उसके परिवार के बच्चों के साथ गांव के बच्चों में भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को बचाना है, और इसलिए गांव के सभी लोगों ने एक जुट होकर गांव में शराबबंदी का निर्णय लिया. इस बैठक में जिला पंचायत सदस्य करण सिंह लोधी मुलायम सिंह लोधी जमीदार खड़क सिंह देवेंद्र सिंह चंद्रभान पंचम सिंह संतोष कड़ोरा अहिरवार मनोज अहिरवार सहित गांव के ग्रामीणों ने सहभागिता निभाई.
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