Panna Diamond GI Tag: पन्ना की वर्षों पुरानी तमन्ना आखिरकार पूरी हो गई है. पन्ना के विश्वप्रसिद्ध हीरे को आधिकारिक तौर पर जी.आई. टैग मिल गया है. मध्य प्रदेश का 21वाँ जी.आई. उत्पाद बनकर पन्ना का हीरा अब न सिर्फ देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी नई पहचान बनाने जा रहा है.
पन्ना के हीरे की ब्रांड वैल्यू में होगा बड़ा इजाफा
जी.आई. टैग मिलने से पन्ना के हीरे की ब्रांड वैल्यू में बड़ा इजाफा होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यहां के स्थानीय खनन क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे और हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा. साथ ही हीरों की पारदर्शिता, गुणवत्ता और पहचान को विश्व स्तर पर एक नया दर्जा मिलेगा.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिलेगी पहचान
स्थानीय प्रशासन और हीरा उद्योग के जानकारों के अनुसार, जी.आई. टैग मिलने से पन्ना को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अलग पहचान मिलेगी. निर्यात के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश को राजस्व में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है.
पन्ना के लोगों में इस उपलब्धि को लेकर खुशी का माहौल है. लंबे समय से लंबित यह मांग पूरी होने के बाद अब पन्ना जिले का नाम एक बार फिर वैश्विक नक्शे पर चमकने को तैयार है ठीक वैसे ही जैसे यहां की धरती से निकलने वाला अनमोल हीरा.
7 जून 2023 से शुरू हुई थी GI टैग की प्रकिया
पन्ना कलेक्टर उषा परमार ने कहा, 'ये पन्ना जिला के लिए बहुत ही गर्व की बात है. 7 जून 2023 से जी आई टैग की प्रकिया चालू हो गई थी. आज हम लोगों को प्राप्त हुई है. इससे व्यापार बढ़ेगा और देश विदेश से लोग आएंगे. इससे पन्ना को नई पहचान मिलेगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी एक्स पर पोस्ट शेयर कर कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा 'पन्ना डायमंड'. हीरा नगरी जिला पन्ना के हीरे को भारत सरकार द्वारा GI (Geographical Indication) टैग मिलना सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के लिए गौरव का विषय है. यह पन्ना के युवाओं, कारीगरों और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा.
पन्ना जिला हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि पन्ना जिले के लिए बड़ी खुशी की बात है और गर्व का पल है. हीरा को जीआई टैग मिला है. इसके लिए 7 जून 2023 को अप्लाई की गई थी.
उन्होंने कहा कि देश विदेश से जो लोग आते हैं, वो कहते हैं मुझे पन्ना का ही हीरा चाहिए... जीआई टैग मिलने से अब व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
पूरे देश में हीरों की खानों के लिए प्रसिद्द है पन्ना
बता दें कि मध्य प्रदेश का पन्ना शहर पूरे देश में हीरे की खदानों के लिए प्रसिद्ध है और यह मनोरम शहर अपनी प्रसिद्ध हीरे की खानों से जगमगाता है. 'डायमंड सिटी' के नाम से मशहूर पन्ना में कई तरह के बेशकीमती रत्न पाए जाते हैं.
कौन प्रदान करता है जीआई टैग?
जीआई टैग भारत सरकार द्वारा पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक के कार्यालय के माध्यम से प्रदान किया जाता है. वहीं साल 1999 में भारत की संसद द्वारा लागू किए गए रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जीआई टैग प्रदान किया जाता है. बता दें कि भारत में पहला जीआई टैग साल 2004 में पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग चाय को प्रदान किया गया था.
MP के इन 21 प्रोडक्ट को मिल चुका है जीआई टैग
- पन्ना का हीरा
- रीवा के सुंदरजा आम
- मुरैना की गजक
- सीहोर का शरबती गेहूं
- ग्वालियर का कालीन
- डिंडौरी की गोंड पेंटिंग
- उज्जैन की बाटिक प्रिंट
- बालाघाट की वारासिवनी की रेशमी साड़ी
- जबलपुर के भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट
- महेश्वर सिल्क साड़ी
- टीकमगढ़ बेल मेटल वर्क्स
- कड़कनाथ मुर्गा
- चंदेरी साड़ी
- इंदौर के चमड़े के खिलौने
- रतलाम- रियावन लहसुन
- पिथोरा पेंटिंग
- ग्वालियर पेपर माच क्राफ्ट
- रतलामी सेव
- बाग प्रिंट
- बलाघाट चिन्नोर चावल
- महोबा का पान