
Padma Awards 2025: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में हुए गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों से मध्यप्रदेश की दो विभूतियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है. मध्यप्रदेश के लोक गायक भेरूसिंह चौहान को कला क्षेत्र और शालिनी देवी होलकर को व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और कारीगरों के सशक्तिकरण के लिए किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश की इन दोनों विभूतियां की उपलब्धि से संपूर्ण मध्यप्रदेश गौरवान्वित है. आप दोनों ने सतत परिश्रम, त्याग और साधना से ऐसे प्रतिमान स्थापित किए , जो अन्य सभी को रचनात्मकता, राष्ट्र भक्ति और जनसेवा की प्रेरणा देंगे.
आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित गरिमामय समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने मध्यप्रदेश के श्री भेरू सिंह चौहान जी को कला क्षेत्र और श्रीमती शालिनी देवी होलकर जी को व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 28, 2025
आपको हार्दिक… pic.twitter.com/1zU1s9X7Lf
कुल 71 लोगों को मिले पद्म पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खेल, चिकित्सा, विज्ञान, कला और सामाजिक कार्य जैसे विविध क्षेत्रों में भारत का नाम रोशन करने वाली 71 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. इसमें मध्य प्रदेश से दो विभूतियां शामिल थीं.
मध्यप्रदेश की माटी की खुशबू और लोक-परंपरा को गौरवान्वित करने वाले सुप्रसिद्ध कबीर निर्गुण लोकगायक श्री भैरू सिंह चौहान जी और प्रदेश की वर्षों पुरानी ‘महेश्वरी हैंडलूम परंपरा' को पुनर्जीवित करने वाली उद्योग जगत की वरिष्ठ हस्ती श्रीमती शालिनी देवी होल्कर जी को ‘पद्मश्री 2025' से… pic.twitter.com/g5kOkJm4yp
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 28, 2025
भेरू सिंह चौहान को कला के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म श्री 2025 से सम्मानित किया गया है. 50 वर्षों से निर्गुण गायन की परंपरा को जीवित रखने और अपने प्रदर्शनों द्वारा सामाजिक जागरूकता का प्रसार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भेरू सिंह चौहान मालवा के फेमस लोक गायक हैं. वे निर्गुण कबीर गायक हैं. इंदौर की महू तहसील में छोटे से गांव बजरंगपुरा के रहने वाले हैं. भेरू सिंह चौहान के पिता मादू चौहान कबीर गायक थे. भेरू ने अपने भजनों में कबीर वाणी, गोरखनाथ, ब्रह्मानंद, मीरा बाई, दादू संतों के भजन गाए हैं.
वहीं होलकर राजघराने की बहू शालिनी देवी होलकर ने महेश्वर की परंपरागत हथकरघा साड़ियों की विरासत को संजोया और बुनकर समुदाय के उत्थान के लिए काम किया. उन्होंने 300 साल पुरानी महेश्वरी हथकरघा परंपरा को पुनर्जीवित किया और हजारों महिला बुनकरों को सशक्त बनाया. शालिनी देवी ने 2006 में महेश्वर में ‘गुड़ी मुड़ी केंद्र' की स्थापना की थी जो आज बुनकर समुदाय के लिए आजीविका का मुख्य साधन बन गया है.
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