
Madhya Pradesh Hospitals: अक्सर देखा जाता है कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की मौत के बाद बकाया मेडिकल को लेकर अस्पताल प्रशासन शवों को परिजनों को तब तक सौंपने को तैयार नहीं होता जब तक बकाया बिलो का भुगतान नहीं हो जाता है. शनिवार को इसी मुद्दे को संबोधित करते हुए भोपाल जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे भुगतान नहीं किए गए चिकित्सा बिलों के आधार पर शव को न रोकें.
युवक की मौत के बाद अस्पताल ने परिजनों को शव सौंपने से कर दिया था इनकार
रिपोर्ट के मुताबिक जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने उक्त कदम एक निजी अस्पताल द्वारा कथित तौर पर 20 वर्षीय युवक का शव सौंपने से इनकार करने के बाद उठाया गया है, जिसकी शुक्रवार देर रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. बताया जाता है कि चिकित्सा के लिए सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई.
कार दुर्घटना में घायल 20 वर्षीय युवक को निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था
भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में तेज रफ्तार कार की चपेट में आए युवक को इलाज के लिए सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी. युवक की मौत के बाद सिटी हॉस्पिटल द्वारा बकाया बिलों के आधार मृतक का शव परिजनों को उसका शव नहीं सौंपा गया, तो परिजनों और उनके साथ आए लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया.
शव नहीं सौंपने से गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा, स्टाफ सदस्यों से की मारपीट
कथित तौर पर सिटी हॉस्पिटल द्वारा युवक का शव नहीं सौंपने पर गुस्साए परिजनों और साथ मौजूद लोगों ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और कुछ अन्य मेडिकल स्टाफ सदस्यों की पिटाई की. यह भी कहा गया कि अस्पताल में हंगामे और मारपीट की घटना के बाद डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल से भाग गए थे.
हंगामे के बाद देर रात अस्पताल को परिजनों को सौंपना पड़ा मृत युवक का शव
हालांकि स्थानीय पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद शुक्रवार देर रात परिजनों को मृत युवक का सौंप दिया गया. घटना के बाद, शहर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा पर चिंता जताई, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लिया और इस मुद्दे पर एक बैठक की अध्यक्षता की.
कलेक्टर ने कार्यस्थल पर डॉक्टरों व चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया
जिला कलेक्टर ने कार्यस्थल पर डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित का आश्वासन दिया. हालांकि घटना से प्रदेश के निजी और सरकारी अस्पतालों से जुड़े डॉक्टरों की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है, जबकि कोलकाता में एक डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के बाद हड़ताल पर गए चिकित्सकों ने हाईकोर्ट के कहने पर धरना समाप्त कर दी थी.
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