
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश का खंडवा बिजली उत्पादन में पावर हब बन गया है. जिले के हाइड्रो पावर, ताप विद्युत और सोलर एनर्जी के माध्यम से बिजली का उत्पादन हो रहा है. खंडवा के पुनासा में स्थित एशिया की सबसे बड़ी पन विद्युत परियोजना इंदिरा सागर पावर स्टेशन ने एक दिन में सबसे अधिक जल विद्युत उत्पादन करके रिकॉर्ड बनाया है. यह रिकॉर्ड बीते 7 सितंबर को बनाया गया था, जब 26.503 मिलियन यूनिट बिजली के उत्पादन का नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया.
इंदिरा सागर पॉवर स्टेशन और ओंकारेश्वर पावर स्टेशन ने बनाया ये रिकॉर्ड
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान इंदिरा सागर पॉवर स्टेशन और ओंकारेश्वर पावर स्टेशन ने संयुक्त रूप से कुल 3000 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन कर रिकॉर्ड बनाया है, जोकि अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है.
20 सालों से किया जा रहा इंदिरा सागर पावर स्टेशन में जल विद्युत का उत्पादन
एनएचडीसी से मिली जानकारी के अनुसार, खंडवा के पुनासा में स्थित इंदिरा सागर पावर स्टेशन में जल विद्युत उत्पादन का सुचारू संचालन वित्तीय वर्ष 2004-05 से लगातार किया जा रहा है. लगभग 20 वर्षों से किये जा रहे इस सफल संचालन के बाद यह बड़ी उपलब्धि इस परियोजना के हिस्से में हासिल हुई है. जिसके लिए यहां स्थित मशीनों का बेहतर रख रखाव और परियोजना प्रबंधन की संवेदनशीलता भी महत्वपूर्ण कारण रही है.
इस उपलब्धि पर एनएचडीसी के अध्यक्ष राज कुमार चौधरी ने प्रबंध निदेशक राजीव जैन, परियोजना प्रमुख और पावर स्टेशन में पदस्थ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी. साथ ही इसके लिए की गई तैयारियों को लेकर कर्मचारियों की कार्य शैली की भी प्रशंसा की.
वहीं प्रबंध निदेशक ने भी दोनों पावर स्टेशनों के संयुक्त रूप से बनाए गए इस रिकॉर्ड के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की.
इन परियोजनाओं से किया जा रहा विद्युत का उत्पादन
एनएचडीसी लिमिटेड और एनएचपीसी लिमिटेड मध्य प्रदेश शासन का संयुक्त उद्यम है. इसे साल 2000 में स्थापित किया गया था. वर्तमान में इसकी दो जलविद्युत परियोजनाएं- इंदिरा सागर पावर स्टेशन (1000 मेगावाट) और ओंकारेश्वर पावर स्टेशन (520 मेगावाट) संचालित है. इसके साथ ही दो सोलर परियोजनाएं- ग्राउंड माउंटेड सांची सोलर प्रोजेक्ट (8 मेगावाट) और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट (88 मेंगावाट) से विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है.
इनसे उत्पादित विद्युत का शत् प्रतिशत मध्य प्रदेश शासन को दिया जा रहा है. वहीं एनएचडीसी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के अन्य विकल्पों के माध्यम से भी प्रदेश को विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में लगातार प्रयास किया जा रहा है.