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MP में बनेंगे वंदे भारत-अमृत भारत-मेट्रो ट्रेनों के कोच; भूमिपूजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत ये रहेंगे मौजूद

Vande Bharat in MP: वंदे भारत और अमृत भारत मेट्रो ट्रेनों के कोच बहुत जल्द मध्य प्रदेश में बनने वाले हैं. इसके लिए ब्रह्मा परियोजना का भूमिपूजन रविवार आज होने वाला है.

MP में बनेंगे वंदे भारत-अमृत भारत-मेट्रो ट्रेनों के कोच; भूमिपूजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत ये रहेंगे मौजूद
एमपी में लगेगी ट्रेन कोच बनाने की फैक्ट्री

Train Coach Manufacturing in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पहली बार आधुनिक रेल कोच निर्माण के लिए BEML की इकाई स्थापित की जा रही है. बीईएमएल इकाई की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर भी प्रदेश में आने वाले हैं. सीएम डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) की पहल पर प्रदेश को रेल कोच इकाई की बड़ी सौगात प्राप्त हो रही है. परियोजना का भूमिपूजन केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में करने वाले हैं. कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा उत्पाद सचिव संजीव कुमार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार, भारत अर्थ मूवर्स परियोजना के अध्यक्ष शांतनु राय शामिल हो रहे हैं.

विकास की नई इबारत - डॉ. यादव

सीएम यादव ने रेल कोच फैक्ट्री को प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सशक्त नेतृत्व में एमपी सहित भारत के अन्य राज्यों के निवदेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है. इस क्रम में कुछ माह पूर्व बैंगलोर में बीईएमएल संस्थान के भ्रमण के दौरान रायसेन जिले में रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना के संबंध में निर्णय लिया गया.

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य के अनुरूप कार्य करेगा संयंत्र

‘ब्राह्मा' संयंत्र पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया' और ‘आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करेगा. संयंत्र में उपयोग होने वाली अधिकांश तकनीक और सामग्री देश में विकसित व निर्मित की जाएगी, जिससे विदेशी निर्भरता कम होगी. यह परियोजना प्रदेश को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.

इस संयंत्र के निर्माण में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. यहां शून्य तरल अपशिष्ट प्रणाली, सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन और हरित लैंडस्केपिंग को अपनाया जाएगा. निर्माण में पुनर्नवीनीकृत और टिकाऊ सामग्री का प्रयोग करते हुए इसे हरित फैक्ट्री मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा.

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परियोजना का प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष होगी, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किया जाएगा. इस इकाई के संचालन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार सृजित होंगे, जिससे प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय औद्योगिक रोजगार उपलब्ध होंगे. साथ ही, यहां विकसित होने वाली तकनीकी क्षमताएं प्रदेश को हाई-स्पीड रेल और मेट्रो निर्माण के वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएंगी.

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