New MSME Policy in MP: मध्य प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री (MSME Minister) चैतन्य कुमार काश्यप ने उद्योग संघों के प्रतिनिनिधों से कहा है कि प्रदेश सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investor Summit) यानी जीआईएस (GIS 2025) से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के नेतृत्व में नई एमएसएमई (MSME) पॉलिसी के साथ ही भूमि आवंटन नियम और प्रोत्साहन की ऐसी पॉलिसी लाएगी जिससे मध्यप्रदेश में स्थानीय उद्यमिता का विकास विदेशी निवेशकों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिये आकर्षित करने के साथ सर्वाधिक रोजगार सृजन वाले प्रदेश के रूप में उभरे. मंत्री काश्यप ने कहा कि उद्योग प्रतिनिधियों से प्राप्त सुझाव को नई पॉलिसी में शामिल करने से का प्रयास किया जाएगा.
The Hon'ble Chief Minister of Madhya Pradesh, Dr. Mohan Yadav unveiled the official logo for the 'Invest Madhya Pradesh: Global Investors Summit 2025' in Ujjain today.
— MPIDC (@MPIDC) December 21, 2024
The logo symbolises infinite possibilities, representing Madhya Pradesh's vision of becoming a global hub for… pic.twitter.com/8HOumMN9AE
नया ईको-सिस्टम बनेगा : मंत्री
MSME मंत्री ने कहा कि सरकार नये औघोगिक क्षेत्रों के विकास और निर्यात संवर्धन पर मजबूत पहल करेगी. उन्होंने आश्वस्त किया कि एमएसएमई में प्रोत्साहन के लिये और भी अधिक पारदर्शी नीति बनाई जाएगी और स्टार्ट-अप के साथ क्लस्टर के विकास का नया ईको-सिस्टम बनेगा. यह नव उदमियों, अनुसूचित जाति, जनजातीय और महिलाओं की इकाईयों के लिए मददगार होगा.
Welcome to Madhya Pradesh: Infinite Possibilities awaits
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 7, 2025
Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi will inagurate Global Investors Summit 2025 on 24th February in Bhopal, Madhya Pradesh@PMOIndia @DrMohanYadav51 @DPIITGoI @GoI_MeitY @Industryminist1 @MPSeDC_DST @tourismdeptmp… pic.twitter.com/Z5fiuF2Api
मंत्री काश्यप ने कहा कि अलगे सप्ताह निर्यात को बढ़ाने के लिए एक वृहद कार्यशाला होगी. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्थापित किए गए निवेश सेंटर वन, स्टॉप सेंटर के रूप में उद्योगपतियों से निरंतर संवाद स्थापित करेगी. मंत्री काश्यप कहा कि कलेक्टर्स इस समिति को लीड करेंगे.
सब्सिडी बढ़ाई गई
मंत्री काश्यप ने बताया कि एमएसएमई की प्रोत्साहन सब्सिडी को बढ़ाकर 700 से 1100 करोड़ रूपए कर दिया गया है. उद्योग परिसंघों ने सरकार की इस पहल पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि एक ऐसा पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिसमें पॉलिसी और नीतियों के साथ उद्योगपतियों का एक ही जगह डाटा संग्रहित होगा. उद्योग संघों के प्रतिनिधियों को प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने भी आश्वस्त किया कि नई पॉलिसी में उद्योगों के बेहतर विकास की नीति अपनाई जाएगी.
औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने दोहरे कराधान को समाप्त करने, भूखंड हस्तानांतरण नीति को सरल किए जाने, महिला उद्मियों द्वारा संचालित व्यवसायों को अधोसंरचना प्रदान करने, बड़े शहरों के साथ सभी जिलों में एमएसएमई के लिए नए औदयोगिक क्षेत्र विकसित करने, प्रोत्साहन नीति में डाइ मोल्ड एंड फिक्चर क्षेत्र को शामिल करने, बड़े शहरों में बहुमंजिला औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण तथा वर्तमान उद्योगों की उत्पादन लागत कम करने गुणवत्ता बढ़ाने नवीन तकनीक एवं के प्रयोग एवं आधुनिकीकरण पर अतिरिक्त अनुदान प्रदान करने जैसे सुझाव दिए.
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