Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नीमच में थानेदार और उनकी टीम को ग्रामीणों ने 7 घंटे तक बंधक बनाकर रखने और पथराव करने के मामले में बड़ा एक्शन हुआ है. पुलिस ने इसमें शामिल 100 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मामला जिले के मनासा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव चौकड़ी गांव का है. पुलिस ने 23 लोगों को नामजाद आरोपी बनाया है, जिन पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है.
ये है मामला
दरअसल जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर गांव चौकड़ी से सिंगोली पुलिस ने 20-21जनवरी की रात को डोडाचूरा के साथ नीलेश धाकड़ नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.इस गिरफ्तारी के खिलाफ ग्रमीण लामबंद हो गए थे. ग्रामीणों का कहना था कि नीलेश को 35 किलो डोड़ाचूरा के साथ गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस ने डोड़ाचूरा की मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दी. इससे ग्रामीणों मेंआक्रोश फैल गया. बुधवार को इसी बात को लेकर बवाल हो गया था.
शासकीय काम में बाधा डालकर बंधक बनाया. इतना ही नहीं इन आक्रोशित ग्रामीणों ने शासकीय वाहनों में तोड़फोड़ कर नुकसान किया है. पुलिस अफसरों ने बताया कि इस मामले में पवन, गोपाल मास्टर, निर्मल, शान्तिलाल ,संजय , मुकेश,नाथुलाल, रामप्रसाद, रामचन्द्र, राजू ,दीपक, पप्पू , मुकेश , नन्दकिशोर, कमलेश ,बाबरु ,राजेश, भोलाराम, अर्जुन, अंकित,विनोद प्रभुलाल राठौर, रमेश और अन्य तकरीबन 100 लोग को आरोपी बनाया है.
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वाहनों में तोड़फोड़ भी की थी
पुलिस टीम को बंधक बनाने की सूचना जब जिला मुख्यालय पर पहुंची, तो यहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवलसिंह सिसोदिया मौके पर पहुंचे. इसके साथ ही मनासा से विधायक अनिरुद्ध माधव मारु भी मौके पर पहुंचे है. ग्रामीणों को काफी देर तक समझाया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. इसके बाद देर रात करीब 10.30 बजे जब पुलिस ग्रामीणों के कब्जे से पुलिस वाहन छुड़वाने पहुंची, तो बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इसमें एएसपी नवलसिंह सिसौदिया, सब इंस्पेक्टर असलम पठान को पत्थर से चोंट आई. पथराव के जवाब में पुलिस ने भी ग्रामीणों पर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े थे.
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