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MP News: गिरफ्तारी के बाद चोरी के आरोपियों को कोर्ट के बजाय मंदिर लेकर पहुंची नीमच पुलिस, मूर्ती के सामने रगड़वाई नाक

Neemach Police: मध्य प्रदेश के नीमच से एक अजीब खबर सामने आई है. दरअसल, यहां पुलिस ने मंदिर में चोरी के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश करने के बजाय खुद ही सजा देने के लिए मंदिर लेकर आ गई. इसके बाद पुलिस वालों ने आरोपियों से मंदिर में नाक रगड़वा कर माफी मंगवाई.

MP News: गिरफ्तारी के बाद चोरी के आरोपियों को कोर्ट के बजाय मंदिर लेकर पहुंची नीमच पुलिस, मूर्ती के सामने रगड़वाई नाक

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नीमच में पुलिस (Neemach Police) की अमानवीयता से भरा कृत्य देखने को मिला. दरअसल, यहां पुलिस ने चोरी के आरोपियों को गुजरात (Gujarat) से गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट ले जाने के बजाय हर्कियाखाल बालाजी मंदिर (Harkiyakhal Balaji Temple) लेकर पहुंची और यहां चोरों से मंदिर में नाक रगड़वाई. इसका वीडियो सामने आने के बाद अब पुलिस की जमकर आलोचना हो रही है. मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग (Madhya Pradesh Human Rights Commission) के संयोजक ने पुलिस को नोटिस जारी करने की बात कही है.

दरअसल, नीमच जिले के हर्कियाखाल बालाजी मंदिर में चोरी के आरोप में पकड़े गए दो चोरों को पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात से नीमच ले कर पहुंची. इसके बाद उन्हें मंदिर ले जाकर भगवान के सामने नाक रगड़वाई. इस घटना से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. आरोपियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना न्याय व्यवस्था और मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन माना जा रहा है.

वाहवाही के लिए पुलिस ने की ये करतूत

पिछले एक साल में जिले के कई मंदिरों में चोरी हुई, लेकिन पुलिस इनमें से कई मामलों में अब तक खुलासा नहीं कर पाई. इस बीच हर्कियाखाल मंदिर में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने  भावनात्मक फैसला लेते हुए कानून और न्याय प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया.  

हर्कियाखाल बालाजी मामले में पुलिस दिखाई सक्रियता

दरअसल, हर्कियाखाल बालाजी मंदिर को चमत्कारी माना जाता है. यहां बड़े राजनेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी श्रद्धा रखते हैं. लेकिन पुलिस ने इस मंदिर के मामले में अलग रवैया अपनाया. जिले के अन्य मंदिरों में हुई चोरी के मामलों में पुलिस ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया. इससे सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस वीआईपी संस्कृति को प्राथमिकता दे रही है.

कानून के जानकार ने हरकत को बताया गलत

इस पूरे मामले मामले को लेकर एडवोकेट विजय जोशी ने कहा कि पुलिस का काम होता है अपराध रोकना, अपराधी को पकड़ना और अपराधी को न्यायालय में प्रस्तुत करना, न कि सजा देने का. सजा देने का काम न्यायालय का होता है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को अनुचित बताया. 

एसपी ने करतूत को ठहराया जायज

इस पूरे मामले पर नीमच एसपी अंकित जायसवाल ने कहा कि यहां पर आरोपियों से नाक रगड़वाई गई. इससे एक संदेश दिया है कि इस तरह के जो मंदिर और धार्मिक स्थल हैं और उनमें जो चोरी करते हैं, उसका इसी तरह का परिणाम होगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हमारा एक संकल्प भी था, जो पूरा होने पर हम यहां दर्शन करने आए हैं.


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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के नीमच जिले के संयोजक भानु दवे ने भी पूरी कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा है कि पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करना चाहिए और न्यायपालिका को सजा देना चाहिए. अगर पुलिस ही सजा देने लग जाएगी, तो यह संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस मामले को मैं अपने उच्च पदाधिकारियों को अवगत कराऊंगा, हो सकता है पुलिस ने प्रशंसा पाने के लिए या आरोपियों को डोमिनेट करने के लिए यह किया हो. इस पूरे मामले को लेकर भानु दवे ने पुलिस को नोटिस देने की बात कही.

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