मध्य प्रदेश के परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल में अध्यक्ष का पद ग्रहण किया था. प्रताप सिंह ने पद ग्रहण करने के बाद तमाम छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की सलाह दी. इसी कड़ी में मंगलवार को उदय प्रताप सिंह ने NDTV से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने हमसे कई मुद्दों पर चर्चा की और चैनल के माध्यम से पीएम मोदी का विशेष रूप से अभिनंदन किया. उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि यह दिन आने वाले कई सालों तक याद किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि आने वाली पीढ़ियां 22 जनवरी को त्योहार के रूप में मनाएगी. इसके अलावा भी उन्होंने कई अहम बातों को लेकर NDTV से चर्चा की.
सवाल: आपने कल ही मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल में अध्यक्ष का पद ग्रहण किया और आज की बैठक ली, इस बैठक में क्या निकलकर आया है??
जवाब: हमें जो ज़िम्मेदारी मिलती है उसकी सबसे पहली मांग है कि जगह के बार में जानकारी होना चाहिए. स्वाभाविक रूप से जो स्कूल और एजुकेशन डिपार्टमेंट मुझे मिला है उसके बारे में तमाम बातें पता होनी चाहिए जैसे ये किस तरह से काम करता है. कितनी तरके से लोग इसमें काम करते हैं..वह किन किन चीज़ों पर ये काम कर रहे हैं. स्टेट गवर्नमेंट का मेक्निजिम क्या है? वह बहुत ही बढ़िया है. जो ड्रॉपआउट वाले स्टूडेंट्स है या जो पढ़ना छोड़ कर 10 साल बाद उनको पढ़ाई में दिलचस्पी आती है या कोई एग्ज़ाम देना चाहते हैं तो इस तरह के लोगों के लिए इससे बेहतर कोई व्यवस्था नहीं हो सकती.
उदय प्रताप सिंह
सवालः अयोध्या को लेकर पूरा देश उत्साहित है, इस पर क्या कहेगें?
जवाबः यह हमारे लिए पीढ़ियों का सपना साकार होते दिख रहा है. हम जियोलॉजिकल सर्वे वाले लोगों का धन्यवाद करते हैं. जिन पुरातत्वों ने इसे जस्टिफाई किया कि यह हमारी जगह है. मैं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने यह जज़्बा दिखाया. सैकड़ों सालों से यह चीजें चल रही थी. पचासों साल से कोर्ट में चल रहे प्रॉसेस को खत्म करके मिनट टू मिनट में चीजें की. प्रधानमंत्री का अकेले का संकल्प था कि यह मंदिर बनना चाहिए और टाइम लिमिट में बनना चाहिए और यह उपलब्धि हमें उनके कारण हासिल कर सकी और ये पूरे देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भारतवंशी के लिए बड़े गर्व की बात है.
उदय प्रताप सिंह
सवालः परिवहन विभाग इस पर क्या तैयारी कर रहा है??
जवाबः यह व्यक्ति के संयम का और आनंद का विषय है. ये सरकार किसी चीज़ को करने के लिए दबाव बनाने का विषय नहीं है. इसमें जो व्यक्ति जहां से आनंदमय होकर सहभागी हो सकता है. उसको करना चाहिए.
सवालः मंत्रियों के विभाग तो आवंटित हो गये हैं लेकिन अब तक मंत्रियों को आवास नहीं दिये गए हैं?
जवाबः आवास बहुत बड़ा विषय नहीं है. आपकी जो ज़िम्मेदारी है उसका निर्वहन करना चुनौती होने के साथ-साथ प्रायोरिटी भी है. बाकी तो आदमी को रहने के लिए एक कक्ष लगता है. जैसे मैं PWD के गेस्टहाउस के 1 कमरे में आनंद से रहता हूं. मुझे 2 महीने हो गए और यदि अगले 2 महीने भी रहना पड़े तो मुझे कोई चुनौती नहीं है. इसमें सबसे बड़ी चुनौती अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन करने की है.
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