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Dengue Fever: इस शहर में टूटा डेंगू का रिकॉर्ड, हॉस्पिटल फुल, प्राइवेट लैब नहीं दे रही हैं डाटा

Dengue Cases Hike: अस्पतालों में भी पिछले एक महीने से मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ रही है. नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने घरों और आसपास पानी जमा होने से रोकने के लिए सतर्क रहें, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना कम हो सके.

Dengue Fever: इस शहर में टूटा डेंगू का रिकॉर्ड, हॉस्पिटल फुल, प्राइवेट लैब नहीं दे रही हैं डाटा

Dengue Case: जबलपुर (Jabalpur) में डेंगू के मामलों (Dengue Fever Case) में इस साल तेज वृद्धि देखी गई है. शहर में डेंगू से पीड़ित मरीजों की एक अनुमान के मुताबिक संख्या 200 से ज्यादा पहुंच गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस प्रकार मामले बढ़े हैं, उससे पिछले दो वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है. केवल इस सीजन में ही 150 से अधिक नए मरीज मिले हैं. शहर में हो रही रुक-रुक कर बारिश और उमस भरी गर्मी के कारण मच्छरों की गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के रुकने के बाद जैसे ही पानी जमा होने लगता है, मच्छरों का लार्वा तेजी से पनपता है. इसी कारण सितंबर का महीना डेंगू के मामलों के लिए संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इस समय डेंगू के मरीजों की संख्या सामान्य रूप से बढ़ती है.

Dengue Case: जबलपुर के आंकड़े

Dengue Case: जबलपुर के आंकड़े
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

ऐसे रहे हैं आंकड़े

2023 में जबलपुर में कुल 188 डेंगू मरीज दर्ज हुए थे, जबकि 2022 में यह संख्या 139 थी. 2021 में यह आंकड़ा 781 तक पहुंच गया था. इस साल सितंबर के पहले पखवाड़े में मरीजों की संख्या 200 से ज्यादा होने का अनुमान है, लेकिन सरकारी अकड़ों में अभी जनवरी से अभी तक 171 ही मरीज आए है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण मानसून के बाद मच्छरों की उत्पत्ति है.

अस्पतालों में भी पिछले एक महीने से मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ रही है. नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने घरों और आसपास पानी जमा होने से रोकने के लिए सतर्क रहें, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना कम हो सके.

प्राइवेट लैब और अस्पतालों पर कार्रवाई की चेतावनी

जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर संजय शर्मा ने NDTV  को बताया कि कई प्राइवेट लैब और अस्पताल डेंगू के वास्तविक आंकड़े नहीं दे रहे हैं, जो अकड़े मिले है उसके अनुसार जनवरी से अब तक 171 मामले आए हैं  उन्होंने कहा कि कई बार चेतावनी देने के बावजूद यह संस्थान सही जानकारी जारी नहीं कर रहे हैं, जिस पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि जब तक एलिसा टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव नहीं आता, तब तक इसे डेंगू नहीं माना जाना चाहिए. हालांकि, प्रारंभिक जांच के आधार पर ही कई अस्पताल डेंगू घोषित कर देते हैं, जो सही नहीं है. इससे न केवल मरीजों में डर बढ़ता है, बल्कि सही आंकड़े भी सामने नहीं आ पाते हैं.

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