Naxalite Surrender in MP: बालाघाट से एक बड़ी खबर आई है. यहां 14 लाख रुपये की ईनामी नक्सली सुनीता सियाम ने आखिरकार हथियार डाल दिए हैं. 22 वर्षीय सुनीता, जिसने सिर्फ 19 साल की उम्र में माओवादियों का रास्ता चुना था, अब समाज की मुख्यधारा में लौट आई है. मिशन 2026 की डेडलाइन नजदीक आने के साथ ही माओवादी संगठन बिखरते जा रहे हैं और सुनीता का आत्मसमर्पण इसी बदलाव की एक बड़ी मिसाल बन गया.
पुलिस के प्रयास रंग लाए
बीते कुछ हफ्तों से बालाघाट पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार बैनर और पोस्टर लगा रही थी. इन पोस्टरों में पहले सरेंडर कर चुके टॉप माओवादी नेताओं की तस्वीरें और उनके संदेश लगाए गए थे, ताकि बाकी नक्सलियों को भी प्रेरणा मिले. पुलिस की यही रणनीति अब असर दिखा रही है. 1 नवंबर की सुबह, सुनीता पिता बिसरु सियाम ने पितकोना चौकी के चौरिया कैंप में आत्मसमर्पण कर दिया. उसने अपनी INSAS राइफल, तीन मैगजीन, वर्दी और पिट्ठू बैग पुलिस को सौंप दिए.
नक्सल संगठन में रही थी अहम भूमिका
सुनीता छत्तीसगढ़ के गोमवेटा भैरमगढ़, जिला बीजापुर की रहने वाली है. वह माओवादी संगठन में एसीएम (एक्शन टीम मेंबर) के पद पर थी और सेंट्रल कमेटी के कुख्यात सदस्य रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी. वह साल 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी. छह महीने तक प्रशिक्षण लेने के बाद उसने रामदेर की 11 सदस्यीय टीम के साथ एमएमसी जोन के दर्रेकसा क्षेत्र में काम शुरू किया. इस दौरान वह जीआरबी डिवीजन के मलाजखंड दर्रेकसा दल में सक्रिय रही.
नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर
पुलिस के अनुसार, 1 नवंबर की सुबह करीब 4 बजे, सुनीता ने नक्सली दल से अलग होने का फैसला लिया. उसने जंगल में अपने हथियार और वर्दी को छिपाया और सीधे चौरिया कैंप पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया. यह आत्मसमर्पण मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2023 के तहत किया गया पहला केस है. इस कदम से यह साफ है कि अब नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर हो रही है और माओवादी सदस्य भी सरकार के भरोसे पर लौट रहे हैं.
14 लाख रुपए की इनामी नक्सली सुनीता ने आज बालाघाट में आत्मसमर्पण कर दिया है। उससे बड़ी संख्या में हथियार व अन्य सामग्री बरामद की गई है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 2, 2025
इस सफलता के लिए पुलिस बल प्रशंसा की पात्र है। अब जो कुछ नक्सली बचे हैं, वे आत्मसमर्पण करें या फिर पुलिस का सामना करने के लिए तैयार रहें। pic.twitter.com/JJJGSKWtlL
ये भी पढ़ें- CG News: तंत्र-मंत्र के जरिए एक लाख से 100 करोड़ बनाने चला था शख्स, पूजा में बैठते ही हो गया कांड !
मुख्यमंत्री ने दी बधाई, कहा – यह नई शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सुनीता के आत्मसमर्पण पर पुलिस बल को बधाई दी. उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने पहले भी कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार मिशन 2026 के तहत पूरी तरह सजग है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह अभियान और मजबूती से आगे बढ़ेगा, ताकि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से सटे इलाकों में भी नक्सल गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके.
ये भी पढ़ें- Sidhi-Singrauli Highway: सड़क निर्माण के लिए सांसद का 'बाधा निवारक हवन'! एक दशक से अधूरा है फोरलेन