
Narendra Shivaji Patel Reaction: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने ग्वालियर के एक रेस्तरां में हंगामे के बाद शहर के व्यापारियों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. व्यापारी वर्ग को भाजपा का वोटर माना जाता है, ऐसे में मंत्री जी अब बैकफुट पर आते हुए नजर आ रहे हैं. अपने खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सोमवार इस पूरे मामले पर अपनी सफाई दी.
इस दौरान उन्होंने खुद को बेगुनाह बताने के साथ ही अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ रेस्टोरेंट का निरीक्षण करने गए थे. सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री पटेल ने सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह निरीक्षण के सिलसिले में रेस्तरां गए थे. पटेल ने कहा कि मैं रेस्तरां खाना खाने नहीं गया था. मैं मप्र विधानसभा अध्यक्ष के घर पर एक शादी के ‘रिसेप्शन' में गया था और वहां खाना खाया था. आरोप झूठे हैं. मंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप कानूनी कार्रवाई से बचने की साजिश है.
बताया रूटीन निरीक्षण
उन्होंने बताया कि वे रविवार को ग्वालियर पहुंचने पर कई काम किए, जिनमें मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों का निरीक्षण भी शामिल है. मैंने खाद्य विभाग के काम की भी समीक्षा की. पटेल ने बताया कि रेस्तरां में नियमित निरीक्षण किया गया था. नमूने लेने के दौरान मेरा मौजूद रहना उचित था. मेरे सामने ही खाना पकाने के तेल का सैंपल फेल हो गया. इसकी रिकॉर्डिंग भी की गई है. उन्होंने कहा कि खाने की अन्य चीजों के नमूने भी लिए गए और उनकी जांच की जाएगी. हम व्यवस्था में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं.
बोले- दबाव की राजनीति नहीं आएगी काम
दबाव के बीच पटेल ने कहा कि दबाव की राजनीति की वजह से गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं रोकी जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच के नतीजे आने से पहले ही आरोप लगाए जा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि रेस्तरां के मालिक दूसरे सीसीटीवी फुटेज दिखा रहे हैं, लेकिन नमूने लिये जाने के दौरान की फुटेज नहीं दिखा रहे हैं.
गंभीर आरोपों से घिरे हैं मंत्री
गौरतलब है कि मंत्री और उनके समर्थकों पर रेस्तरां में कर्मचारियों के साथ मारपीट व हंगामा करने का आरोप है. रेस्तरां के मालिक संजय अरोड़ा ने बताया था कि मंत्री के समर्थक इस बात से नाराज थे कि पटेल के लिए ऊपर की मंजिल पर टेबल बुक की गई थी. अरोड़ा ने दावा किया कि उन्होंने कर्मचारियों के साथ मारपीट की और करीब एक घंटे तक रेस्तरां में हंगामा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस भी रेस्तरां पहुंची और उनके छोटे भाई को ले जाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय व्यापारियों के विरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका. अरोड़ा ने बताया कि इसके बाद खाद्य विभाग की टीम पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दी. रेस्तरां के मालिक ने कहा कि वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे.
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वहीं, इस पूरे घटनाक्रम मध्य प्रदेश का पूरा व्यापारिक वर्ग एकजुट होता नजर आ रहा है. मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात करीब 10 बजे उन्हें फोन आया कि कुछ लोग रेस्तरां में घुसे और दावा कर रहे हैं कि उनमें से एक मंत्री है. अग्रवाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि मंत्री और समर्थकों को परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी है.
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