
Madhya Pradesh Secretariat Vacant: मध्य प्रदेश मंत्रालय का वल्लभ भवन, जहां से सारी सरकारी योजनाओं का खाका खींचा जाता है. राज्य के सभी बड़े प्रशासनिक फैसले यहीं से होते हैं, लेकिन इसके वाबजूद मंत्रालय सेवा के आधे से ज़्यादा पद खाली पड़े हुए हैं. पद भरे न जाने से ये कभी भी लैप्स हो सकते हैं. कर्मचारी रिटायर होते जा रहे हैं, लेकिन ये पद भरे नहीं जा रहे हैं.
छत्राणी कौर एक होटल के फ्रंट ऑफिस में काम करती हैं. कौर घर से दूर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आई थीं. घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. दिन भर काम करने के बाद शाम को पढ़ाई करती हैं. तीन साल से तैयारी कर रही हैं, लेकिन एक तो बेहद कम वेकैंसी और कभी कम नंबर इस सपने के आड़े आ गया है.
कम पद पर बहाली होने के कारण नहीं पा रहा सिलेक्शन
छत्राणी कौर ने कहती हैं, 'मैं पिछले तीन साल से अपने माता पिता से अलग रह रही हूं. महंगाई इतनी बढ़ गई है. मैं घर में भी पैसा भेजती हूं. 3 साल से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हूं. पुलिस और वन विभाग के कई परीक्षाएं दी, लेकिन हमारी कैटेगरी में कट ऑफ़ बहुत ज़्यादा था. इस कारण सिलेक्शन नहीं हो पाया और पद भी बेहद ही कम थे.
मंत्रालय में 68 फीसदी से ज्यादा कुर्सियां खाली
छत्राणी कौर जैसे लाखों उम्मीदवारों के लिये इसी मंत्रालय से सरकारी नौकरी का रास्ता निकलता है, लेकिन ये मंत्रालय भी क्या करें, जब इसके पास ही 68 फीसदी से ज्यादा कुर्सियां खाली हैं. लगातार कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, जो मौजूद हैं उनपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.

मंत्रालय में हर विभाग में कर्मचारी अलग-अलग पदों पर कार्यरत है, बाकि सरकारी कर्मचारियों के मुकाबले मंत्रालय के कर्मचारियों को सरकार की जरूरी योजनाओं के संचालन और विभाग के कामों में अनुभव होता है इसलिए इनकी तैनाती मंत्रालय में होती है. वहीं इन कर्मचारियों को मंत्रालय के बाहर पोस्टिंग नहीं दी जाती है.
'सेवा' में कर्मचारी 'उपलब्ध' नहीं
मंत्रालय में सेवा कर्मचारियों के लिए 2244 पद हैं, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद कई पद भरे नहीं गए, जिसके चलते मंत्रालय में अब 865 कर्मचारी ही बचे हुए हैं, जबकि 1379 पद रिक्त हैं. वहीं 2031 तक ये संख्या और कम हो जाएगी. बता दें कि जब तक अफसरों को भर्ती सम्बंधित निर्देश नहीं मिलते है, तब तक ये भर्तियां अटकी रहेंगी.
'मंत्रालय' में इन पदों के खाली है इतने सीट
विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि बीजेपी को रोज़गार से कोई मतलब नहीं है. प्रदेश के लाखों युवा बेरोज़गार बैठे हुए है, लेकिन बीजेपी सिर्फ अपने सदस्य्ता अभियान की चिंता है. BJP लोगों को पकड़-पकड़ कर अपना सदस्य बना रही है, लेकिन जब बेरोज़गारी पर बात आती है तो वो शांत हो जाते हैं. सरकार की मंशा ही नहीं है कि वो युवाओं को रोज़गार दे. इतने सालों से भाजपा की सरकार है फिर भी मध्य प्रदेश में युवा बेरोज़गार रही है.
सरकार सभी वर्गों के लिए कर रही काम
बीजेपी प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि कांग्रेस हवा में बातें करती है. हमारी सरकार नौकरियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. लगातार सरकार की ओर से ऐसे काम किए जा रहे हैं. युवाओं की चिंता भी की जा रही है और रोज़गार के अवसर भी पैदा किए जा रहे हैं. जो आरोप कांग्रेस लगा रही है तो सदस्य बनाना BJP के संगठन का काम है. वहीं रोज़गार देना सरकार का काम है. हमारा संगठन अलग काम कर रहा है. कांग्रेस का संगठन ही कमज़ोर है. वहीं सरकार की बात करें तो सरकार भी सभी वर्गों को लेकर काम कर रही है.
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