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MP के अफसरों का कारनामा ! तीन दिन पहले नियुक्ति... अब महीने भर के वेतन की कर दी डिमांड

Maihar News: जिला आपूर्ति अधिकारी के दो आदेश से खाद्य शाखा में हड़कंप मच गया है. दरअसल, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर पर जिला आपूर्ति अधिकारी इस कदर मेहरबान हैं कि तीन पहले ज्वाइन किए हुए डाटा एंट्री ऑपरेटर को पूरे महीने की उपस्थित मान्य करते हुए वेतन भुगतान करने का आदेश दे दिया. .

MP के अफसरों का कारनामा ! तीन दिन पहले नियुक्ति... अब महीने भर के वेतन की कर दी डिमांड

MP News in Hindi: मध्य प्रदेश अजब है और यहां के अफसरों के कारनामें गजब हैं. आलम यह है कि एक डाटा एंट्री ऑपरेटर पर अफसर इस कदर मेहरबान हैं कि तीन दिन के अंदर दो ऐसे पत्र लिख डाले जिन्हें पढ़ने के बाद विभागों में चल रहे खेल की बानगी मिल रही है. आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने का काम कंपनी करती है, लेकिन मैहर में अफसर कर्मचारियों की नियुक्ति कर कंपनी को सूचित करतें हैं और फिर उनके वेतन की डिमांड भी डालते हैं. ऐसा क्यों किया गया? यह तो विभागीय अधिकारी जानें, लेकिन पत्र सामने के आने के बाद यह जन चर्चा का विषय जरूर बन चुका है.

जानें पूरा मामला

मामला मैहर जिले की खाद्य शाखा से जुड़ा है, जहां पर तीन दिन काम करने वाले ऑपरेटर को महीने भर का वेतन और रिचार्ज राशि का भुगतान करने के लिए पत्र लिखा गया है. बता दें कि मैहर जिले में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने का काम नेटलिंक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड  टीटी नगर भोपाल को मिला हुआ है. कंपनी के प्रबंधक को जिला आपूर्ति अधिकारी मैहर की ओर से 27 दिसंबर 2024 को पत्र क्रमांक 660 के माध्यम से शुभम सोनी की नियुक्ति करने को कहा गया.

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इसके तीसरे दिन बाद यानी 30 दिसंबर 2024 को जिला आपूर्ति अधिकारी ने पत्र क्रमांक 663 भेजकर दिसंबर माह की उपस्थित मान्य करते हुए भुगतान करने का आदेश दिया.

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अब सवाल उठता है कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति के लिए 27 दिसंबर 2024 को पत्र भेजा गया उसको उसी माह का वेतन किस आधार पर दिया जा सकता है?

अफसर क्यों कर रहे कंपनी का काम

जानकारों की माने तो आउट सोर्स पर कर्मचारी रखने का काम प्रदेश में  नेटलिंक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड टीटी नगर भोपाल को मिला है. शुभम सोनी की नियुक्ति का जिम्मा इसी कंपनी का था. फिर मैहर जिले के अधिकारियों ने डाटा इंट्री ऑपरेटर को नियुक्ति करने के लिए कंपनी के प्रबंधक को पत्र क्यों लिखा? क्या यहां के कर्मचारियों का कोई स्वार्थ है? या फिर कंपनी ने अफसरों को ही कर्मचारी ढूंढऩे का जिम्मा दे रखा है. बहरहाल इन सवालों का जवाब  तलाशने के लिए जिला प्रशासन जुट गया है.

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किसान मजदूर महासंघ प्रांताध्यक्ष सुभाष पाण्डेय ने कहा कि कंपनी के द्वारा आउटसोर्स पर कर्मचारी नियुक्ति मनमाने ढंग से की जा रही हैं. जिनके पास डिग्री डिप्लोमा नहीं उन्हें भी ऑपरेटर बनाया जाता है. अगर विभाग कंपनी के द्वारा नियुक्त किए गए लोगों का सत्यापन करें तो पूरा खेल उजागर हो सकता है.

कलेक्टर ने क्या कहा?

मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ ने कहा कि आपके द्वारा मेरे संज्ञान में ये मामला आया है. इसकी जांच कराई जाएगी. आउटसोर्स एजेंसी का विभाग की ओर से पत्र क्यों लिखा गया यह भी जांच का बिंदु रहेगा.

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