Villager Attacked by Wild Animal: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) में बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई. मृतक ग्रामीण पूर्व रेंज की नीमखेड़ा बीट पर तेंदूपत्ता संग्रहण (Tendu Leaves) करने गया था. जहां बाघ ने उसपर हमला किया, जिसमें उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही वन विभाग अमला और पुलिस दस्ता (Raisen Police) मौके पर पहुंचा. जिसके बाद शव की शिनाख्त करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मृतक की पहचान मनीराम जाटव (62) के रूप में हुई है. मृतक के परिजनों को शासन ने 8 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं इस मामले पर डीएफओ ने बहुत ही हास्यास्पद तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि बाघ ने चार पैर वाला जानवर समझ कर हमला किया होगा.
वन विभाग के उप वन मंडल अधिकारी सुधीर पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव पर वाइल्डलाइफ एनिमल ने हमला किया, वन्य जीव के खतरे को देखते हुए ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वह तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन क्षेत्र में अकेले न जाएं. अगर कहीं पर भी टाइगर दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत ही वन विभाग को दें.
भोपाल वन क्षेत्र में यह पहली घटना
यह पूरा मामला भोपाल वन क्षेत्र का है. बता दें कि यह दिल दहला देने वाली घटना भोपाल क्षेत्र में पहली बार हुई है. भोपाल वन क्षेत्र में पहली बार किसी बाघ ने इंसान को मार कर खाया है. जानकारी के मुताबिक बाघ ने हमला कर बुजुर्ग के शरीर के नीचे के हिस्से को खा लिया है. यह घटना औबेदुल्लागंज के चिकलोद और नीमखेड़ा सीमा क्षेत्र में हुई. वहीं इस मामले के सामने आने के बाद वन विभाग ने जंगल में न जाने की मुनादी कराई है.
ग्रामीणों को मिला शव
जानकारी के मुताबिक, मनीराम जाटव की मौत मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात 2:00 बजे के आसपास हुई. बताया जा रहा कि बुधवार सुबह जब ग्रामीण जंगल की ओर निकले तब मृतक का शव जंगल में मिला. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन अमले को तुरंत दी. जिसके बाद वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और वन्य जीव के पद चिन्हों की पहचान में जुट गए. वहीं पुलिस ने शव की शिनाख्त नीमखेड़ा निवासी 62 वर्षीय मनीराम जाटव के रूप में की.
शरीर में हमले के निशान
बताया गया कि मनीराम नीमखेड़ा के जंगलों में तेन्दुपत्ते का संग्रहण करने के लिए गए हुए थे. देर रात तक बुजुर्ग के घर न आने पर परिजनों ने बुजुर्ग की तलाश शुरू की. जिसके बाद दोपहर लगभग 4 बजे मनीराम का शव नीमखेड़ा के जंगलों मे मिला. शव पर बाघ के हमले के घातक निशान देखे गए.
आदमखोर हुए वन्य जीव
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से रायसेन सामान्य वन मण्डल की पूर्वी और पश्चिमी रेंज में रातापानी अभ्यारण से आए हुए टाइगर का मूवमेंट बना हुआ है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में तेंदुए को आए दिन देखा जाता है. मृतक के ऊपर बाघ के हमले के बाद ग्रामीणों को डर है कि वन्य जीव अब आदमखोर हो गए हैं. ऐसे में लोगों का अकेले जंगल में जाना खतरे से खाली नहीं है.
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