MP News: मध्य प्रदेश के देवास जिले में बुधवार को उज्जैन लोकायुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. बागली क्षेत्र में पदस्थ तिवारी पर लंबे समय से कार्यालय के कार्यों के बदले पैसों की मांग करने का आरोप था.
फरियादी रितेश तंवर, जो 2017 से उसी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं, ने लोकायुक्त को शिकायत दी कि आरोपी अधिकारी उनसे कुल ₹18,000 की रिश्वत मांग रहा है. तंवर पहले ही ₹4,000 की पहली किस्त दे चुके थे.
लोकायुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया. बुधवार को रितेश तंवर, तिवारी की कार में उज्जैन रोड पर पहुंचे और ₹5,000 की दूसरी किस्त सौंपी. जैसे ही पैसा सौंपा गया, छिपी हुई लोकायुक्त टीम ने मौके पर ही तिवारी को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद तिवारी को रेस्ट हाउस ले जाकर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हालांकि, गिरफ्तारी के ठीक बाद ही रामप्रवेश तिवारी ने मीडिया के सामने चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने दावा किया कि वे “एक सुनियोजित षडयंत्र का शिकार” हुए हैं. तिवारी का कहना है कि उन्होंने विभाग में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की शिकायतें उठाई थीं और इसी वजह से उन्हें फँसाने की कोशिश हुई है. उन्होंने फरियादी रितेश तंवर को “भ्रष्ट लोगों का सहयोगी” बताया.
अब गेंद लोकायुक्त की जांच टीम के पाले में है, जो यह पता लगाएगी कि रिश्वत का मामला वास्तविक है या तिवारी का दावा सही है. फिलहाल तिवारी पुलिस हिरासत में हैं और मामले की अगली कार्रवाई जारी है.