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स्कूल शिक्षा के बजट पर जीतू पटवारी के सवाल, कहा-39.65 लाख बच्चे हुए कम, कर्ज को बताया BJP का फैशन

Interim Budget of Madhya Pradesh: जीतू पटवारी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि लेखानुदान बजट का करीब 40% जारी किया गया है. स्वाभाविक है मौजूदा वित्त वर्ष में 31 मार्च 2025 तक के खर्च के लिए सरकार को फिर करीब ₹86 हजार करोड़ का कर्ज लेना होगा. मोटा अनुमान यह भी है कि यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष से 25 हजार करोड़ रुपए ज्यादा होगी. हकीकत यह है कि कर्ज लेना अब मध्यप्रदेश में फैशन की तरह हो गया है.

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स्कूल शिक्षा के बजट पर जीतू पटवारी के सवाल, कहा-39.65 लाख बच्चे हुए कम, कर्ज को बताया BJP का फैशन

Madhya Pradesh Accounts Payable 2024-25: मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister of Madhya Pradesh) जगदीश देवड़ा (Deputy CM Jagdish Devda) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (Financial year 2024-25) का लेखानुदान (Accounts Payable 2024-25) में प्रस्तुत कर दिया है. संविधान के अनुच्छेद 206 (1) के अंतर्गत निरंतर व्यय के मदों के लिये नवीन सेवायें अथवा व्यय के नये मद/शीर्ष सम्मिलित नहीं हैं. लेखानुदान का उद्देश्य अंतिम आपूर्ति की स्वीकृति होने तक सरकार के क्रियान्वयन को जारी रखना है. करारोपण संबंधी नये प्रस्ताव तथा व्यय के नवीन मद सम्मिलित नहीं हैं. लेखानुदान द्वारा प्राप्त राशि मुख्य बजट में समाहित की जायेंगी. लेखानुदान 4 माह (एक अप्रैल से 31 जुलाई, 2024) के लिये है.  वित्तीय वर्ष हेतु बजट में सम्मिलित राशि 3,48,986.57 करोड़ है। लेखानुदान के लिये राशि रुपये 1 लाख 45 हजार 229.55 करोड़ है. लेखानुदान 2024-25 में आगामी 4 माह हेतु स्कूल शिक्षा विभाग के लिए ₹13,003.96 करोड़ का प्रावधान किया गया है. लेखानुदान में सबसे ज्यादा बजट स्कूल शिक्षा विभाग को दिया गया है. हालांकि इस विभाग के बजट को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (Madhya Pradesh Congress Committee President) जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने सवाल उठाए हैं और सरकार को घेरने का प्रयास किया है.

जीतू पटवारी ने क्या-क्या कहा?

एमपी पीसीसी चीफ (MP PCC Chief) जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) और भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश (BJP MP) को टैग करते हुए लिखा है कि अंतरिम बजट (Interim Budget) में सबसे ज्यादा 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है. स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूल की योजना लेकर आई थी. डॉ मोहन यादव जी मैंने पूर्व में भी विस्तार से आंकड़ों और बजट के जरिए मध्य प्रदेश के पिछड़े हुए शैक्षणिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला था. बजट पर सरकार की 'दूरदर्शिता' को देखते हुए फिर दोहरा रहा हूं.

मध्यप्रदेश में पिछले 10 साल में स्कूली शिक्षा पर 1.50 से 2 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, बावजूद इसके इस दौरान सरकारी स्कूलों में 39 लाख और निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हो गए हैं.
स्कूल शिक्षा में 2022-23 में 27 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान था. इसमें से 15205 करोड़ खर्च हुए. 2010-11 में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 1 करोड़ 5 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 66.23 लाख रह गई. क्यों? इस अवधि में निजी स्कूलों में 48.49 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 48.29 लाख रह गई, इस तरह निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हुए! क्या बीजेपी की मध्य प्रदेश सरकार मौजूदा स्थिति जनता के सामने रखेगी?

जीतू पटवारी

अध्यक्ष, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी

जीतू पटवारी ने आगे लिखा है कि ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2020-21 में जहां पहली से 8वीं वाले 1.17 करोड़ बच्चे थे, ये 2021-22 में 1.15 करोड़ ही बचे! यह गिरावट भी तब है जब प्रदेश में 370 सीएम राइज स्कूल खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई. कर्ज लेकर बजट की योजनाओं का मर्ज दूर करने की ऐसी कई नाकाम कोशिश से पहले भी की जाती रही हैं. असफलता और भ्रष्टाचार के कारण परिणाम हमेशा लक्ष्य से बहुत दूर ही रहा. जरूरत यह है कि बजट घोषणाओं का जमीनी क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी और तत्परता से किया जाए.

कर्ज को बताया फैशन

जीतू पटवारी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि लेखानुदान बजट का करीब 40% जारी किया गया है. स्वाभाविक है मौजूदा वित्त वर्ष में 31 मार्च 2025 तक के खर्च के लिए सरकार को फिर करीब ₹86 हजार करोड़ का कर्ज लेना होगा. मोटा अनुमान यह भी है कि यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष से 25 हजार करोड़ रुपए ज्यादा होगी. हकीकत यह है कि कर्ज लेना अब मध्यप्रदेश में फैशन की तरह हो गया है. लोक लुभावने वादे करने वाली भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश तात्कालिक लाभ जरूर हासिल कर रही है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बहुत घातक होंगे.

यह भी पढ़ें : CM मोहन यादव ने AI, ब्लॉक चेन, VR जैसे कोर्स शुरु किए, सीखो कमाओ योजना के स्टाइपेंड भी दिए

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