MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने बजट में गोवंश के लिए मिलने वाली राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया है. सरकार का कहना है कि गोमाता के लिए ये कदम बड़ा है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या मात्र 40 रुपये में गोवंश का पेट भर सकता है ? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने नर्मदापुरम जिले के बारी देवी गांव की एक निजी गोशाला का दौरा किया. यहां सदगुरु कृपा गोशाला में करीब 250 गोवंश हैं... और जानने की कोशिश की कि गोवंश को कितना खाना चाहिए?
गोशाला में खर्च और मेहनत है काफी ज्यादा
इस गोशाला में गोवंश की देखभाल के लिए 3 से 4 मजदूर काम करते हैं. इसके अलावा अगर कोई गाय बीमार हो जाए, तो इलाज पर भी खर्च होता है. संचालक का कहना है कि सरकार की ओर से मिलने वाली राशि से खर्च पूरा नहीं हो पाता. गोशाला दानदाता के सहयोग से चल रही है.
सरकारी वादे पर अमल शुरू
संचालक ने बताया कि एक साल पहले भोपाल में हुए एक कार्यक्रम में सरकार ने वादा किया था कि 20 रुपये की जगह 40 रुपये मिलेंगे. अब बजट में इसे लागू किया गया है लेकिन जमीन पर ये राशि नाकाफी लग रही है. लेकिन सवाल है कि जब 40 रुपये में इंसान का पेट नहीं भरता, गाय का कैसे भरेगा ?
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सरकार का दावा है कि 4 लाख से ज्यादा गायों के लिए हर दिन 20 रुपये देती है जिसे अब बढ़कर 40 रुपये कर दिया गया है.... लेकिन सच ये है कि वो पैसा हमें महीनों तक नहीं मिलता. वहीं, दूसरी तरफ गांव के लोगों और गोशाला के कर्मचारियों का ये भी कहना है कि आज के समय में 40 रुपये में इंसान भी एक वक्त का खाना नहीं खा सकता, तो फिर गोवंश का पेट कैसे भर सकता है ?
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