Madhya Pradesh: इंदौर (Indore) के एक सत्र न्यायालय ने हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया. अभियोजन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
बम, कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इंदौर लोकसभा सीट से ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामने के कारण चर्चा में हैं. 46 वर्षीय कारोबारी के इस पालाबदल से कांग्रेस इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई है.
शुक्रवार को होना था हाजिर
लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने संवाददाताओं को बताया कि बम और उनके 75 वर्षीय पिता कांतिलाल को हत्या के कथित प्रयास के मामले में सत्र न्यायालय के सामने शुक्रवार को हाजिर होना था, लेकिन उनके वकील ने अदालत में आवेदन पेश किया कि उनके पक्षकारों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए.
राठौर ने बताया कि आवेदन में कहा गया कि बम ‘‘आवश्यक कार्य'‘' से शहर से बाहर हैं, जबकि उनके पिता की तबीयत खराब होने के चलते चिकित्सकों ने उन्हें आराम की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि सत्र न्यायालय ने पिता-पुत्र का आवेदन निरस्त करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करके आठ जुलाई तक पेश करने का आदेश दिया.
हत्या के प्रयास का था मुकदमा
लोक अभियोजक के मुताबिक अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों को शुक्रवार को पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे उपस्थित नहीं हुए और वे भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के मामले में फिलहाल जमानत पर भी नहीं हैं.
पीड़ित पक्ष के वकील मुकेश देवल ने कहा,'मुझे संचार माध्यमों के जरिये पता चला कि बम ने शुक्रवार को इंदौर शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर जानापाव की पहाड़ियों पर स्थित परशुराम जन्मस्थली में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लिया.'
देवल ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट को लेकर बम के आवेदन पर सत्र न्यायालय के सामने आपत्ति जताई और अदालत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि शहर में एक विधि महाविद्यालय चलाने वाला आरोपी अदालत में पेशी से बचने के लिए आवश्यक कार्य का कथित तौर पर झूठा बहाना बना रहा है.
अग्रिम जमानत देने से किया था इनकार
इससे पहले, सत्र न्यायालय ने हत्या के कथित प्रयास के मामले में बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से तीन मई को इनकार कर दिया था. शहर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने पीड़ित पक्ष की अर्जी पर बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले यूनुस पटेल नाम के किसान पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को आदेश दिया था. जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को सत्र न्यायालय के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था.
इस आदेश के महज पांच दिन बाद बम ने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था. जिस अर्जी पर बम की कानूनी मुश्किलें बढ़ी हैं, वह इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी घोषित होने के महज 13 दिन बाद पांच अप्रैल को दायर की गई थी. बम को 23 मार्च की देर रात घोषित सूची में कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया था.
चार अक्टूबर 2007 को दर्ज हुआ था मुकदमा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ पटेल पर चार अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड विधान की धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी. पटेल का आरोप है कि घटना के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर 12 बंदूक से गोली भी दागी थी. गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की बाद में मौत हो गई थी, जबकि मामले के दो अन्य आरोपी सोहन उर्फ सोनू और मनोज पहले से फरार चल रहे हैं.
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