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महू में ट्रेनी सैन्य अफसरों के साथ लूट, मारपीट और महिला मित्र से गैंगरेप के पांच दोषियों को उम्रकैद

Mhow Gangrape Verdict: मध्य प्रदेश के महू में सेना के दो प्रशिक्षु अधिकारियों और उनकी दो महिला मित्रों के साथ लूट, मारपीट और सामूहिक बलात्कार के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. घटना पिछले साल 11 सितंबर को महू-मंडलेश्वर रोड पर जाम गेट पर हुई थी.

महू में ट्रेनी सैन्य अफसरों के साथ लूट, मारपीट और महिला मित्र से गैंगरेप के पांच दोषियों को उम्रकैद
सांकेतिक तस्वीर

Mhow Gangrap: मध्य प्रदेश के महू में सत्र न्यायालय ने सोमवार को सेना के दो प्रशिक्षु अधिकारियों और उनकी दो महिला मित्रों को लूटने, मारपीट करने और उनका अपहरण करने तथा उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 

यह घटना पिछले साल 11 सितंबर को सुबह 2 से 3 बजे के बीच महू-मंडलेश्वर रोड पर जाम गेट पर हुई थी और इसने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं. 

महू न्यायालय की विशेष लोक अभियोजक संध्या उइके ने पीटीआई को बताया कि चौथे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविशंकर दोहरे ने अनिल बारोड़ (27), पवन वसुनिया (23), रितेश भाभर (25), रोहित गिरवाल (23) और सचिन मकवाना (25) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 

आरोपियों को सामूहिक बलात्कार पीड़िता को 50,000 रुपये और अन्य तीन पीड़ितों को 10-10 हजार रुपये देने का आदेश दिया गया है. छठे आरोपी, जो नाबालिग है, पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. 

11 सितंबर को क्या हुआ था? 

उइके ने कहा, "लूट, अपहरण और सामूहिक बलात्कार की घटना पिछले साल 11 सितंबर को 2 से 3 बजे के बीच महू-मंडलेश्वर रोड पर स्थित जाम गेट के पास हुई थी, जब इन्फैंट्री स्कूल, महू के दो प्रशिक्षु सेना अधिकारी अपनी दो महिला मित्रों के साथ वहां गए थे." उइके ने कहा, "अचानक, छह लोगों ने पिस्तौल तान दी, उन पर हमला किया और लाठी से उनकी पिटाई की. उन्होंने 10 लाख रुपये मांगे और न देने पर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने उनके मोबाइल फोन और 800 रुपये लूट लिए.इसके बाद उन्होंने एक प्रशिक्षु अधिकारी और महिला मित्र को रकम का इंतजाम करने के लिए इन्फैंट्री स्कूल जाने को कहा." 

12 अक्टूबर को अदालत में पेश की गई अंतिम रिपोर्ट

उइके ने कहा कि उन्होंने एक प्रशिक्षु अधिकारी और एक महिला मित्र को बंधक बना लिया, जिसके साथ रितेश भाभर और अनिल बारोड़ ने सामूहिक बलात्कार किया. अगले दिन बड़गोंडा थाने में मामला दर्ज किया गया और मामले की अंतिम रिपोर्ट 12 अक्टूबर को अदालत में पेश की गई. उइके ने बताया, "अभियोजन पक्ष की दलीलें 26 अक्टूबर को शुरू हुईं और बचाव पक्ष के गवाहों के बयान इस साल 20 मार्च को दर्ज किए गए. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की अंतिम दलीलें 21 मार्च को समाप्त हुईं, जो मामला दर्ज होने की तारीख से ठीक पांच महीने और 12 दिन बाद था."

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