High Court on BJP Paarshad: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) जिले में वार्ड 65 से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुनील यादव की याचिका पर जारी हुए वारंट पर एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) ने सुनवाई की है. कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मनीष यादव और करण बैरागी ने तर्क रखे कि कोर्ट में 6 माह में पार्षद कालरा के जाती प्रमाण पत्र की जांच के आदेश होने के बाद भी जानबूझकर विलंब किया है. बता दें कि कोर्ट ने भाजपा पार्षद कमलेश कालरा समेत अन्य तीन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है.
भाजपा पार्षद पर लगाए गए ये आरोप
प्राप्त शिकायतों पर छानबीन समिति लंबे समय से जांच कर रही है. मामले से जुड़े सभी तथ्य आ जाने के बाद भी निर्णय नहीं करने के आरोप लगाए गए है. कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में समिति को आवश्यक रूप से 6 माह में जांच पूरी करने के लिए आदेश दिया था. लेकिन, उसके बावजूद न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए निर्णय नहीं किया गया.
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कोर्ट ने जारी किया वारंट
एमपी हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष के वकील के तर्कों से सहमत होकर पार्षद कमलेश कालरा समेत अजित केसरी (प्रमुख सचिव), सौरभ कुमार (कमिश्नर, पिछड़ा वर्ग आयोग), डॉ. निलेश देसाई(सचिव) और घनश्याम धनगर (छानबीन समिति) पर पांच हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च 2025 के लिए नियत की हैं.
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