
Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench of HC) ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है. हाईकोर्ट ने ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त (Gwalior Municipal Corporation Commissioner) और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी संघप्रिय गौतम की पोस्टिंग को अवैध करार दिया है. नगर निगम आयुक्त के पद के लिए सरकार को आदेश में धारा 54 के तहत उन्हें डेपुटेशन पर भेजने का आदेश जारी करना था, जोकि नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने इसी को आधार बनाते हुए उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. हाईकोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले में नगर निगम में डेपुटेशन पर आए 61 कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस करने के आदेश भी दिए हैं.
अब कोर्ट के इस आदेश के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार अलग ही संकट में आ गई है. दरअसल, कोर्ट ने जिस धारा 54 का उल्लेख करते हुए आयुक्त संघप्रिय गौतम की नियुक्ति को अवैध बताया है, उससे पूरे प्रदेश के नगर निगम आयुक्तों को बदलने या नए सिरे से उनके नियुक्ति आदेश जारी करने की स्थिति आ सकती है. इस कारण प्रदेश के प्रशासनिक महकमे मे हड़कंप मचा हुआ है.
नगर निगम चल रहा प्रतिनियुक्ति के भरोसे
हालांकि, ग्वालियर नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी की प्रतिनियुक्ति को लेकर इस मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम में डेपुटेशन पर आए सभी कर्मचारियों की सूची पेश करने को कहा. जब ये सूची पेश की गई तो खुलासा हुआ कि ग्वालियर नगर निगम तो प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी और कर्मचारियों के भरेसे चल रहा है.
एक याचिका से सरकार और निगर सवालों के घेरे में
यहां रिकॉर्ड 61 कर्मचारी अधिकारी डेपुटेशन पर वर्षों से जमे हुए हैं. इस पर कोर्ट ने नगर निगम में प्रतिनियुक्ति और तबादला लेकर आए 61 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. इस तरह ग्वालियर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पशु चिकित्सक की नियुक्ति को लेकर शुरू हुई एक याचिका ने पूरे ग्वालियर नगर निगम और सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया.
हाईकोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि वे अपना मूल विभाग छोड़कर नगर निगम में क्यों काम कर रहे हैं. अदालत ने निगम आयुक्त संघप्रिय को नोटिस की तामीली की जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा है कि निगम के एडिशनल कमिश्नर अनिल कुमार दुबे को इस मामले में झूठा शपथ पत्र देने के लिए दोषी पाया गया है.
हालांकि, उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का फैसला बाद में लिया जाएगा. मामले में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुज शर्मा के यहां से स्थानांतरण का आदेश दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह डॉ. अनुज शर्मा का तबादला झाबुआ या अलीराजपुर जिले में करें ताकि वहां के पशु चिकित्सालयों को उनकी सेवा का लाभ मिल सके.
डॉ. अनुराधा गुप्ता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि ग्वालियर नगर निगम में कई ऐसे कर्मचारी डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं, जो इस पद के लिए योग्यता रखते ही नहीं हैं. खासकर डॉ. अनुज शर्मा, जो एक पशु चिकित्सक हैं, उन्हें स्वास्थ्य अधिकारी के रूप मे पदस्थ किया गया हैं, जबकि इस पद के लिए एमबीबीएस डिग्री अनिवार्य है. कोर्ट के निर्देश पर डॉ. अनुज शर्मा को स्वास्थ्य अधिकारी के पद से हटा दिया गया था.
अब हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, ग्वालियर नगर निगम में डेपुटेशन पर तैनात 61 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है कि क्यों उनकी तैनाती को रद्द नहीं किया गया और उन्हें अपने मूल विभागों में वापस क्यों नहीं भेजा गया? कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे अधिकारी जो बिना उचित योग्यता के तैनात किए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही, कोर्ट ने नगर निगम से पूछा है कि वे क्यों अपने यहां स्थाई नियुक्तियों की बजाय डेपुटेशन से कमचारियों को लाकर काम पर लगा रहे है.
इनका डेपुटेशन निरस्त
संघ प्रिया, रजनी शुक्ला, विजय राज, मुनीश सिकरवार, अनिल कुमार दुबे, दिनेश दीक्षित, सुनील कुमार चौहान, अमर सत्य गुप्ता, संतोष शर्मा, वैभव श्रीवास्तव, भानु प्रताप सिंह तोमर, सालिनी सिंह, पूजा मेहकाली, आशीष राजपूत, अशोक कुमार गुप्ता, विशाल गर्ग, गिरिश्मा आर्य, तनुजा वर्मा, रवि गोड़िया, सुरुची बंसल, अनिल चौहान, अजीत जैन, वर्षा मिश्रा, राजेश खरे, प्रमोद पाल, धर्मेंद्र ढाकड़, जग्गन अग्रवाल, स्नेहलता परमार, दिनेश जाटव, सतेन्द्र सिंह, राहुल धोरोल्या, अभिषेक सिंह भदौरिया, रेनू तोमर, राजकुमार कोष्ठा, रुपाली आर्य, प्रशांत राव, राजेंद्र सिंह विक्रम, धर्मेंद्र सिंह परमार, दीपेंद्र सेंगर, ऋतु अग्रवाल, सचिन साविता, अंकित शर्मा, शीतल इंडोतिया, विवेक त्यागी, जितेंद्र सिंह राजावत, महेश प्रताप सिंह सिकरवार, भूपेंद्र ससोड़, हेमंत कुशवाह, जितेंद्र सिंह बघेल, रमेंद्र सिंह गुर्जर, बृजेंद्र सिंह किरार, निकिता शर्मा, अभिषेक शर्मा, विवेक श्रीवास्तव, सालिनी गुप्ता, रुचि यादव, सपना चौहान, सोनाली पाराशर, प्रियंका द्विवेदी, संदीप मिश्रा, कुलदीप पाराशर.