
MP Budget 2025 : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने इस साल के बजट में पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक स्थलों के विकास पर खास ध्यान दिया है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना (Chief Minister's Tirth Darshan Yojana) के तहत वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थ यात्रा की सुविधा पहले से मिल रही थी. अब इस योजना में दिव्यांग नागरिकों के लिए भी विशेष सुविधा दी गई है. इसके लिए सरकार ने ₹50 करोड़ का बजट तय किया है. अब तक 8 लाख से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए तीर्थ यात्रा योजना को खास जगह मिला है. ओंकारेश्वर महालोक, श्रीकृष्ण पाथेय योजना और राम पथ गमन योजना जैसी पहलें धार्मिक पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेंगी. ये बजट प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है. इसके लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है. सबसे पहले ओंकारेश्वर महालोक की बात करें तो, उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में भव्य निर्माण होगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी. फिर आचार्य शंकर अद्वैत वेदान्त संस्थान के प्रचार के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से एक बड़ा संस्थान बनाया जाएगा. साथ ही श्रीकृष्ण पाथेय योजना का भी ज़िक्र किया गया है जिसके तहत उन स्थानों को विकसित किया जाएगा, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े थे. इसके लिए ₹10 करोड़ का प्रावधान है. राम पथ गमन योजना के तहत प्रभु श्रीराम के वनगमन मार्ग और चित्रकूट के विकास के लिए ₹30 करोड़ तय किए गए हैं. बता दें कि धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण ₹507 करोड़ की लागत से किया जा रहा है.
पर्यटन को भी बढ़ावा देगी सरकार
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बुनियादी ढाँचे और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर ज़ोर दिया है. इसके तहत पर्यटन अधोसंरचना के लिए ₹225 करोड़, ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए ₹50 करोड़ औरम पर्यटन नीति लागू करने के लिए ₹55 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
संस्कृति और विज्ञान को मिलेगा बढ़ावा
धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधान (Science Research) को प्रोत्साहित करने के लिए 'गीता भवन' वैचारिक अध्ययन केंद्र बनाए जाएंगे. इनमें पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम और साहित्य बिक्री केंद्र होंगे. इस योजना के लिए ₹100 करोड़ की राशि तय की गई है. इसके अलावा, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद के लिए ₹75 करोड़ और अलग-अलग सांस्कृतिक आयोजनों के लिए ₹60 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
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प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की कोशिश
राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि ये बजट प्रदेश को एक धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा. इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और नए रोजगार के अवसर भी बनेंगे. बता दें कि सरकार ने पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व के लिए ₹1,610 करोड़ का बजट तय किया है, जो पिछले साल की तुलना में ₹133 करोड़ ज्यादा है.
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