MPEB: खुशखबरी! बिजली संबंधित समस्याएं जल्द नहीं सुलझीं तो कंपनियां देंगी मुआवजा, जानिए क्या हैं नियम?

MPEB New Rule: मध्य प्रदेश में अब किसी बिजली उपभोक्ता की बिजली संबंधी समस्याएं तय समय पर नहीं सुलझायीं गईं तो बिजली कंपनियां अपने कस्टमर को मुआवजा देंगी. पावर मैनेजमेंट कंपनी ने जुर्माना राशि की पूरी जानकारी NDTV के साथ साझा की है. आइए जानते हैं किस समस्या पर कितना मुआवजा मिलेगा?

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MP Power Management Company Jabalpur: बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को हमेशा इस बात की शिकायत रहती थी कि मध्य प्रदेश विद्युत मंडल (MPEB) उनकी शिकायतों को दर्ज तो कर लेता है, लेकिन उन पर कई हफ्तों और कई मामलों में तो महीनो तक कोई ध्यान नहीं देता. नोड्यूल्स जैसे प्रमाण पत्र बनाने के लिए उपभोक्ताओं को बिजली दफ्तर (MPEB) के कई चक्कर लगाने पड़ते थे. अब मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं के हित में कई नए नियम (New Rule) लागू कर दिए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को समय सीमा में काम होने की गारंटी दी गई है. अगर विद्युत मंडल के कर्मचारी समय सीमा में काम नहीं करते है तो उसके लिए अब उपभोक्ता को मुआवजा मिलेगा. आइए जानते हैं क्या है जुर्माने का गणित?

ये है विद्युत वितरण सेवाओं में देरी पर मुआवजा नियम

सरकार ने विद्युत सेवाओं में देरी के विभिन्न कारणों पर उपभोक्ताओं के लिए मुआवजे की व्यवस्था की है. मुआवजे की दरें इस तरह हैं.

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विद्युत सेवा बहाली में देरी (शहरी/ग्रामीण) : शहरी क्षेत्रों में विद्युत सेवा बहाली में 12 घंटे से अधिक देरी होने पर ₹100 प्रति घंटा. ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे से अधिक देरी होने पर ₹100 प्रति घंटा.

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ट्रांसफार्मर खराबी: शहरी क्षेत्रों में 12 घंटे से अधिक देरी होने पर ₹100 प्रति घंटा. ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे से अधिक देरी होने पर ₹100 प्रति घंटा.

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ट्रांसफार्मर का रिप्लेसमेंट नहीं होने पर: 72 घंटे के बाद ₹100 प्रति उपभोक्ता प्रति दिन मुआवजा मिलेगा.

ओवरलोडिंग और लोड वृद्धि में देरी: 12 घंटे से अधिक समय लगने पर ₹100 प्रति दिन.

मीटर रीडिंग और बिलिंग में समस्याएं: यदि निर्धारित समय में शिकायतों का निवारण नहीं किया जाता है, तो ₹100 प्रति सप्ताह का मुआवजा दिया जाएगा.

सेवा प्राप्त करने के आवेदन में विलंब: अगर नया विद्युत कनेक्शन या लोड बढ़ाने के आवेदन के बाद सेवाएं तय समय सीमा (आवश्यक कानूनों के अनुसार) में प्रदान नहीं की जातीं, तो ₹100 प्रति दिन का मुआवजा उपभोक्ताओं को मिलेगा. यदि कनेक्शन 15 दिन के भीतर नहीं दिया गया, तो ₹100 प्रति दिन के हिसाब से मुआवजा मिलेगा.

सेवा में अन्य प्रकार की देरी (सेवा परिवर्तन आदि): यदि सेवा परिवर्तन (जैसे एक फेज से तीन फेज करना या इसके विपरीत) 90 दिन के भीतर नहीं होता, तो ₹100 प्रति दिन का मुआवजा.

संयोजन कटने के बाद पुनः विद्युत आपूर्ति: शहरी क्षेत्रों में, उपभोक्ता द्वारा भुगतान प्राप्ति के 4 घंटे के भीतर विद्युत सेवा पुनः शुरू होनी चाहिए, देरी होने पर ₹100 प्रति दिन मुआवजा. ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता द्वारा भुगतान प्राप्ति के 6 घंटे के भीतर सेवा पुनः शुरू होनी चाहिए, देरी होने पर ₹100 प्रति दिन मुआवजा.

अधिभारित संयोजन की स्वीकृति में देरी: यदि किसी अन्य विद्युत संबंधी अधिभार अनुमोदन (जैसा कि विद्युत वितरण संहिता के अनुसार लागू होता है) में देरी होती है, तो ₹100 प्रति दिन का मुआवजा लागू होगा.

बकाया प्रमाणपत्र (No Dues Certificate) जारी करने में देरी: यदि किसी उपभोक्ता का कोई बकाया नहीं है और अंतिम भुगतान प्राप्त होने के बाद भी प्रमाणपत्र जारी नहीं होता है, तो ₹100 प्रति सप्ताह का मुआवजा दिया जाएगा.

इस नीति का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और विद्युत कंपनियों को जवाबदेह बनाना है ताकि वे समय पर सेवाएं दें और उपभोक्ता संतुष्टि सुनिश्चित हो सके.

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