
Gram Panchayat Politics: मऊगंज जिले के हनुमना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पतुलखी छत्रपाल की पंचायत राजनीति ने मंगलवार को उस वक्त बड़ा मोड़ ले लिया, जब सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की साजिश न सिर्फ धराशायी हुई, बल्कि अविश्वास प्रस्ताव खुद ही सवालों के घेरे में भी आ गई.
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सवालों के घेरे में आया अविश्वास प्रस्ताव
पीठासीन अधिकारी तहसीलदार बैसाखुलाल प्रजापति की निगरानी में संपन्न हुए अविश्वास प्रस्ताव के मत विभाजन की प्रक्रिया में दोबारा सरंपच चुनी गई अनुराधा साकेत अब गांव के गलियारों व चौराहों पर चर्चा में बनी हुई हैं. मंगलवार को मत विभाजन प्रक्रिया में 10 पंच ने अनुराधा साकेत के पक्ष में वोट किया. दिलचस्प है कि ये 10 पंच पहले ही उनके समर्थन में थे.
विकास में बाधा डालने की साजिश थी?
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरपंच अनुराधा साकेत ने अपने कार्यकाल में पंचायत में पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता दी है, लेकिन अपनी स्वार्थपूर्ति नहीं कर सके पंचायत में बैठे कुछ असंतुष्ट चेहरों ने उनके खिलाफ यह षड्यंत्र रचा. उनके मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव का पूरा खेल सिर्फ अस्थिरता फैलाने के लिए रचा गया था.
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नेतृत्व की जीत, साजिशकर्ताओं की हुई हार
रिपोर्ट के मुताबिक सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास के परिणाम ने न सिर्फ अनुराधा साकेत को एक बार फिर पंचायत की कमान सौंप दी है, बल्कि उनके नेतृत्व में जनता का विश्वास भी दोहराया है. वहीं विपक्षी खेमा जो पर्दे के पीछे रहकर दांव-पेंच खेल रहा था, वह पूरी तरह से बेनकाब और विफल हो गया.
पीठासीन अधिकारी की भूमिका रही सराहनीय
सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का हश्र सबके सामने आ गया जब 10 पंचों ने मत विभाजन प्रक्रिया में दोबारा सरपंच चुन लिया. मत विभाजन प्रक्रिया के दौरान तहसीलदार बैसाखुलाल प्रजापति ने निष्पक्षता और शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई.