
Madhya Pradesh News:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मऊगंज जिले में बहुती प्रवास को लेकर रविवार का दिन हंगामेदार रहा. पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने हजारों समर्थकों के साथ बहुती कार्यक्रम में सीएम का घेराव करने का ऐलान किया था, जिसे लेकर प्रशासन और पुलिस की अभेद्य तैयारियों के बावजूद हालात बेकाबू नजर आए.
सैकड़ों वाहनों के काफिले और हजारों समर्थकों के साथ जैसे ही बन्ना बहुती की ओर बढ़े, प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़ दिया गया. पुलिस और प्रशासन के तमाम सुरक्षा कवच धराशायी होते दिखे और भीड़ लगातार आगे बढ़ती गई.
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने पूर्व विधायक सहित हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी देने के बाद भी भीड़ “जनता की आवाज़ दबा नहीं सकते” जैसे नारे लगाती रही. बन्ना ने साफ कहा कि वे पिकनिक मनाने नहीं, बल्कि किसानों, छात्रों, मरीजों और पत्रकारों की आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाने आए थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन सरकार में किसानों को खाद के लिए लाठियां झेलनी पड़ रही हैं, अस्पतालों में मरीजों का समय पर इलाज और पोस्टमार्टम तक नहीं हो पा रहा है. जनता की समस्याओं को उजागर करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।
पूर्व विधायक ने चुनौती देते हुए कहा था कि अगर सीएम देवतालाब में कुंभ करेंगे, तो कांग्रेस कार्यकर्ता बहुती में पिकनिक मनाएंगे. इसी चेतावनी को पूरा करते हुए उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया. उनके साथ कांग्रेस के जिला और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई बड़े नेता गिरफ्तारी देने पहुंचे. वहीं, समाजसेवी कुंज बिहारी तिवारी को भी समर्थकों सहित नजरबंद किया गया.
प्रोटोकॉल बदलना पड़ा
सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि मुख्यमंत्री को बहुती कार्यक्रम में सीधे पहुंचना था, लेकिन कांग्रेस के विरोध को देखते हुए प्रोटोकॉल बदलना पड़ा. पहले सीएम को देवतालाब शिव मंदिर दर्शन के लिए ले जाया गया और उसके बाद भारी विरोध झेलते हुए बहुती पहुंचे. सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवालों ने न केवल प्रशासन बल्कि पूरी सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया.
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