
Mandsaur Floating Temple: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में 17 सालों में तैयार हुआ भव्य जहाज मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इकलौते इस जहाज मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल रही है. दावा है कि इस जैन मंदिर मेंं विराजित प्रतिमा 3000 साल पुरानी है.
3000 साल पुरानी है पानी में चलते- फिरते मंदिर में विराजमान प्रतिमा
पानी में तैरते अनोखे जैन मंदिर का प्रबंधन करने वाले रमेश जैन बताते हैं कि इस मंदिर को बनाने में 17 साल का समय लगा. जहाजनुमा इस मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्थित बाउंड्री में पानी का कलर किया जा रहा है. पानी में चलते- फिरते मंदिर में विराजमान प्रतिमा लगभग 3000 साल पुरानी है.
श्रद्धालुओं को खींच आती है विराजित नाकोड़ा पार्श्व नाथ की चमत्कारिक मूर्ति
प्रतिदिन जहाज मंदिर में दर्शन करने आने वाले आयुष जैन बताते हैं कि यहां पर नाकोड़ा पार्श्व नाथ की चमत्कारिक मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर में आने से भक्तों को असीम शांति प्राप्त होती है और उसकी आकृति इतनी मनमोहक है कि श्रद्धालुओं को बार-बार अपनी ओर खींच कर ले आती है.
चंबल नदी से निकली है जहाज मंदिर में विराजित नाकोड़ा पार्श्व नाथ की मूर्ति
जहाज मंदिर में दर्शन करने आई एक श्रद्धालु रानी जैन बताती है कि मंदिर में विराजित चमत्कारिक प्रतिमा यहां से कुछ किलोमीटर दूर स्थित चंबल नदी से निकली है, जो करीब 3000 साल पुरानी है. प्रतिमा की भव्यता दिव्यता और आकषर्कता देखते ही बनती है.