
Malthone tribals land occupation case: मालथौन क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की कृषि भूमि पर अवैध कब्जों, नियम विरुद्ध खरीद-बिक्री और फर्जी रजिस्ट्रियों के मामले की जांच अब भोपाल स्तर से होगी. यह जानकारी विधानसभा में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि इन मामलों की जांच के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजा जाएगा जो संपूर्ण प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा.
यह घोषणा पूर्व गृहमंत्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह द्वारा रखे गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान की गई. भूपेंद्र सिंह ने सदन में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मालथौन क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की लगभग 500 एकड़ जमीन अवैध तरीकों से खरीदी गई है.
कलेक्टर और एसपी ऑफिस के बाहर हुआ था प्रदर्शन
सिंह ने बताया कि मालथौन, गंगऊ, अंडेला, बघोनिया सहित कई गांवों के पीड़ित नागरिकों ने 5 जुलाई को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था. पीड़ितों ने आरोप लगाया कि मालथौन क्षेत्र के भाजपा नेता गोविंद सिंह राजपूत और उनके साथियों द्वारा दबाव और धमकी देकर उनकी जमीनों पर कब्जा किया गया और कई मामलों में जबरन रजिस्ट्री भी कराई गई है.
आत्महत्या की घटना ने बढ़ाई चिंता
भूपेंद्र सिंह ने सदन में बताया कि पीड़ितों की प्रताड़ना से तंग आकर 25 जुलाई को नीलेश आदिवासी, निवासी मालथौन ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पूर्व नीलेश ने गोविंद सिंह के खिलाफ 1 जुलाई को एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था, जिसमें जमीन पर कब्जा, धमकाने और प्रताड़ना का उल्लेख किया गया था.
तहसीलदार स्तर पर दर्ज हुए प्रकरण
राजस्व मंत्री ने बताया कि मामले संज्ञान में आने के बाद मालथौन तहसीलदार द्वारा संबंधित आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. वहीं नीलेश आदिवासी की मौत के मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है.
भूपेंद्र सिंह–गोविंद सिंह की सियासी टकराहट विधानसभा तक पहुंची
सागर जिले की राजनीति में यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह और मालथौन के भाजपा नेता गोविंद सिंह राजपूत के बीच की राजनीतिक खींचतान अब विधानसभा में खुलकर सामने आ चुकी है. भूपेंद्र सिंह ने सदन में यह मांग दोहराई कि आदिवासियों की जिन 500 एकड़ जमीन की रजिस्ट्रियां अवैध तरीके से की गई हैं, उन्हें तत्काल निरस्त किया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पर्चा
इस पूरे मामले के बीच सोशल मीडिया पर एक पर्चा भी वायरल हो रहा है, जिसमें गोविंद सिंह राजपूत पर अवैध कब्जे और दबाव बनाकर रजिस्ट्री कराने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह पर्चा अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.