Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मैहर से नेशनल हाईवे क्रमांक 30 पर वाहनों में रेडियम पट्टी लगवाने का दबाव बनाकर अवैध वसूली करने के मामला सामने आने के बाद पुलिस कप्तान मैहर ने अनुमति निरस्त कर दी है. रेडियम पट्टी लगाने के लिए जिस फर्म को काम मिला था उसने पुलिस चेकिंग के बिना ही वाहनों को रोककर पट्टी लगाने का खेल शुरू कर दिया था.
हो रहा था अवैध वसूली का खेल
कटनी-बेला नेशनल हाईवे पर वाहन निकलने वाले वाहनों को मैहर जिले के नादन देहात थाना के पास रोक कर अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया था. नेशनल हाईवे पर ड्रम रखकर जिग्जैक पॉइंट बनाया गया था जहां पर वाहन को रोक कर उनमें रेडियम रिफ्लेक्टर और उनके पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की जांच की जा रही थी.
हो रही थी पांच सौ-एक हजार की वसूली
जांच और रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर प्रत्येक वाहन से 5 सौ से 1 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही थी. कमाल की बात यह थी कि यहां कर तो निजी लोग ले रहे थे लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि उनका सहयोग पुलिस भी कर रही है. इन वसूलीबाजों के निशाने पर बड़े वाहन और उस पर दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाले ट्रक ज्यादा नजर आ रहे थे.
एसपी ने दी थी शर्तों पर अनुमति
बताया जाता है कि मैहर एसपी ने 2 जुलाई को धीरेंद्र सिंह राजावत के पक्ष में रेडियम रिफ्लेक्टर, रेडियम टेप लाइन और हेड लाइट ब्लैक करने की शर्तों के अनुसार अनुमति दी थी. पुलिस चेकिंग के दौरान ही यह काम किया जा सकता था और यातायात बाधित नहीं होने की शर्त भी शामिल थी. इसके ये सब अलावा वाहन चालकों की इच्छा पर पूरी तरह से निर्भर था. किसी से अवैध वसूली नहीं की जा सकती थी. इस बात की भी शर्त थी इस कार्य को एक माह में अभियान चला कर पूरा करना था. फिर भी शर्त का उल्लंघन कर वसूली हो रही थी.
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