
सतना: शासन के निदेर्शों का पालन करते हुए पंजीकृत किसानों से धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होनी थी, लेकिन पहले दिन खरीदी केंद्रों में एक भी किसान नहीं पहुंचा. एक सप्ताह के अंदर अपनी उपज बेचने के लिए कुल 2 हजार 5 सौ 46 किसानों ने स्लॉट बुक कराया था. लेकिन बरसात के चलते खरीदी का जिम्मा लेने वाली समितियां जरूरी संसाधन उपलब्ध नहीं करा सकीं. वहीं, खराब मौसम के कारण किसान भी केंद्र तक जाने का जोखिम नहीं उठा पाए.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, तय हो चुके सभी खरीदी केंद्रों में खरीदी को लेकर पूरी तैयारियां कर ली है. हालांकि इस बीच सुबह रूक-रूक कर हो रही बारिश ने भी किसानों में खरीदी केंद्र जाने की दिलचस्पी समाप्त कर दी है. किसान अपनी धान लेकर बिक्रय के लिए खरीदी केंद्र नहीं गए. उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर रास्ते में उनकी धान भींग गई तो क्या होगा?
145 खरीदी केंद्र में होगा उपार्जन
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने बताया कि इस बार धान उर्पाजन के लिए 145 खरीदी केंद्र बनाने का निर्देश है. जिसमें अभी तक 80 खरीदी केंद्रों का निर्धारण किया जा चुका है. जबकि अभी भी 65 खरीदी केंद्रों की स्थापना की जानी बाकी है. इस तरह कुल 145 खरीदी केंद्र बनाए जाने है. जिनके माध्यम से शासन किसानों से समर्थन मूल्य पर उनकी धान खरीदेगा. अभी तक धान उर्पाजन के लिए जिले भर से 2546 किसानों ने अपने स्लॉट बुक कराए है. हालांकि इनमें से एक भी किसान उर्पाजन केंद्र पहले दिन धान लेकर खरीदी केंद्र नहीं पहुंचे.
दागी समितियों पर फिर जताया विश्वास
धान उर्पाजन वर्ष 2023-24 की खरीदी करने के लिए जिला प्रशासन ने दागी समितियों पर भरोसा किया है. इसके अलावा स्व सहायता समूहों को भी कुछ जगहों पर जिम्मा मिलने की उम्मीद है. मिली जानकारी के अनुसार, बनाए जाने वाले 145 खरीदी केंद्रों में से निर्धारण के लिए बचे 65 खरीदी केंद्रों को स्व- सहायत समूहों को खरीदी करने का मौका मिल सकता है. इसके लिए स्व-सहायता समूहों को औपचारिकता संबंधी प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है.
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