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मगरमच्छों का खतरा! जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे स्कूली बच्चे, खंभों से बनाया जुगाड़ का पुल

मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायत बीना में स्कूल जाने वाले बच्चे और ग्रामीण यहां मगरमच्छों के खतरे के बीच हर दिन नदी पार कर रहे हैं. पक्का पुल नहीं होने पर उन्होंने इलेक्ट्रिक खंभों और पाइप से एक अस्थायी जुगाड़ बना लिया है.

मगरमच्छों का खतरा! जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे स्कूली बच्चे, खंभों से बनाया जुगाड़ का पुल

Crocodile Danger School Children: मध्य प्रदेश के सागर के देवरी विकासखंड के ग्राम पंचायत बीना में हालात इतने खराब हैं कि यहां के स्कूली बच्चे और ग्रामीण रोजाना अपनी जान दांव पर लगाकर नदी पार करते हैं. रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार के पास बसे इस गांव में नदी पर कोई पक्का पुल नहीं है, जिसके कारण लोगों ने खुद ही पाइप और बिजली के खंभों को जोड़कर एक अस्थायी पुल बना लिया है. लेकिन नदी में बढ़ते मगरमच्छों ने अब इस रास्ते को और खतरनाक बना दिया है.

जुगाड़ का पुल बना सहारा

ग्राम पंचायत बीना से होकर बहने वाली नदी के उस पार करीब 30 परिवार रहते हैं. इन परिवारों के लिए बीना मुख्यालय और स्कूल की दूरी नदी पार करने पर आधा किलोमीटर से भी कम रह जाती है. लेकिन यदि वे सुरक्षित रास्ते से रानीताल होते हुए बीना जाना चाहें, तो उन्हें करीब 8 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए पाइप और बिजली के खंभों से जुगाड़ का पुल बना लिया है, ताकि वे रोजमर्रा के कामों और बच्चों की पढ़ाई में पीछे न रहें.

मगरमच्छों ने बढ़ाई दहशत

नदी में पिछले कुछ महीनों से मगरमच्छों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कई बार वे मवेशियों और छोटे जानवरों को शिकार बना चुके हैं. इससे ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है. बच्चों और बुजुर्गों को नदी पार कराने के दौरान सबसे ज्यादा खतरा रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार अधिकारियों से पुल बनवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.

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प्रशासन ने कहा– प्रस्ताव स्वीकृत

देवरी तहसीलदार ने बताया कि बीना नदी पर पुलिया निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल ग्रामीणों के पास एक वैकल्पिक सुरक्षित रास्ता मौजूद है, लेकिन वे सुविधा के लिए नदी पार करने का छोटा रास्ता चुनते हैं. प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाया है कि वे बच्चों को नदी पार कर स्कूल भेजने से बचें.

ग्रामीणों की अपील – अस्थायी व्यवस्था की जाए

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक पक्का पुल नहीं बनता, तब तक प्रशासन को अस्थायी रूप से कोई सुरक्षित पैदल पुलिया या नाव की व्यवस्था करनी चाहिए. ग्रामीणों का कहना है कि हर दिन बच्चों की जान पर जोखिम बना रहता है और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. उनका अनुरोध है कि सरकार तत्काल अस्थायी समाधान करे ताकि किसी अनहोनी को टाला जा सके.

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