हरदा जिला अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने दो बड़े ऑपरेशन किए. इसमें - पहला ऑपरेशन स्टेपलर गन के जरिए पाइल्स का किया गया. इसमें बिना चीरफाड़ के ऑपरेशन किया गया. वहीं दूसरा ऑपरेशन महिला की बच्चेदानी से 2 किलोग्राम की गांठ निकालकर किया गया.
हरदा जिला अस्पताल का कमाल
अब मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंदौर और भोपाल समेत अन्य बड़े शहरों का रूख नहीं करना होगा. मरीजों को जहां जल्दी अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी, वहीं पैसों की भी बचत होगी. दोनों ऑपरेशन जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. संदीप इवने, डॉ. गंभीर पटेल और एनेस्थिसिया के डॉ. कपिल पटेल की टीम के द्वारा किया गया.
जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. संदीप इवने ने बताया कि शनिवार को 40 साल के राजेंद्र पिछले 6 माह से पाइल्स की बीमारी से परेशान था. जांच के बाद पुष्टि होने पर आधुनिक पद्धति से ऑपरेशन किया गया. इसमें आधुनिक स्टेफ्लर गन का उपयोग किया. जिसकी कीमत करीब 30 हजार रुपये है.

सर्जिकल स्टेपलर गन क्या है?
दरअसल, आधुनिक सर्जिकल स्टेपलर गन एक नई तकनीक है. इसमें बिना टांके, बिना चीरे ऑपरेशन होता है. जिससे कम रक्तस्त्राव होता है. इस ऑपरेशन के बाद मरीज जल्दी ठीक होता है. जिला अस्पताल में यह ऑपरेशन निशुल्क होता है. वहीं बड़े शहरों में 50 हजार रुपये से अधिक लगते हैं. मालूम हो कि पहले ऑपरेशन के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ रहा था. अब जिला अस्पताल में ही मरीजों को सुविधा मिलेगी. दो दिन में ही छुट्टी भी हो जाएगी. पहले 10 दिनों तक का समय लगता था.
महिला के शरीर से 2 किलोग्राम की गठान निकाली
डॉ. गंभीर पटेल ने बताया कि जिले की एक महिला को करीब एक साल से परेशानी थी. पिछले दिनों जिला अस्पताल में आने पर उसकी सोनोग्राफी और सीटी स्कैन की जांच की. जिसमें गांठ की पुष्टि की गई. इसके बाद महिला की बच्चेदानी का शनिवार को ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के जरिए शरीर से 2 किलो की गठान निकाली गई. इसे मेडिकल भाषा में फाइब्रोइड कहते हैं. इस तरह के ऑपरेशन के लिए इंदौर, भोपाल समेत अन्य बड़े शहरों में 40 से 50 हजार का खर्च आता है, लेकिन जिला अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन किया गया है.
सीएमएचओ डॉ. एचपी सिंह का कहना है कि जिला अस्पताल में अब मरीजों की बड़ी सर्जरी भी की जा रही है. शनिवार को डॉक्टर्स की टीम ने दो बड़े ऑपरेशन किए गए. इसमें महिला की बच्चेदानी से 2 किलो की गठान, पाइल्स का स्टेपलर गन से ऑपरेशन किया.