
Madhya Pradesh News: पिछले दिनों मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मध्य रेल के भुसावल मंडल (Bhusaval Division) के बुरहानपुर स्टेशन (Burhanpur Station) पर 42 टन रेलवे का लोहा बिना किसी टेंडर के चोरी छिपे बेचे जाने का मामला उजागर हुआ था. इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी मधुसूदन डोंगरे था जो फरार चल रहा था. आरपीएफ ने इस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली है. इस मामले को भुसावल रेलवे मंडल की आरपीएफ की क्राइम ब्रांच और बुरहानपुर आरपीएफ पुलिस ने संयुक्त रूप से उजागर किया था.
मच गया था रेलवे विभाग में हड़कंप
मामले के उजागर होने के बाद पूरे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया था. सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रैकमेन को सबसे पहले आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के बाद तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
रेलवे पुलिस ने 42 टन लोहा नागपुर से बरामद किया था. मामले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तारी के बाद खंडवा की रेलवे कोर्ट में पेश किया गया था. आरपीएफ की मांग पर कोर्ट ने 22 नवंबर तक रिमांड का आदेश दिया था, जिसके बाद आगे की रिमांड मांगे जाने पर कोर्ट ने 25 नवंबर तक की रिमांड दे दी है.
'किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा'
22 नवंबर को रिमांड की अवधि खत्म होने पर आरोपी का मेडिकल कराने के लिए बुरहानपुर जिला अस्पताल लाया गया था. गौरतलब है कि मामले की जांच के लिए पिछले दिनों आरपीएफ के आईजी अजय सदानी भी जांच के लिए बुरहानपुर पहुंचे थे. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. मामले की जांच जारी थी और अब जांच के बाद मधुसूदन डोंगरे को पूरे मामले का साजिशकर्ता माना जा रहा है.
आरपीएफ ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार
आरपीएफ अफसरों ने इसकी पुष्टि की है. आरपीएफ के अनुसार, डोंगरे स्टॉक वेरिफायर है और उसी ने यह साजिश रची थी. इससे पहले आरपीएफ ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें लोहा खरीदने वाले नागपुर की फर्म के लोग भी शामिल थे.
ये भी पढ़ें Indore: इंटरनेट पर भौकाल बनाना पड़ा भारी, हथियार लेकर नाचते नज़र आए युवक... एक गिरफ्तार
क्या था पूरा मामला?
रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर बुरहानपुर हरेंद्र कुमार ने ट्रैकमैन भरत कुमार के साथ मिलकर करीब 42 टन लोहा गलत तरीके से नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया था. इसकी शिकायत भुसावल की रेलवे क्राइम ब्रांच से किए जाने पर टीम ने जांच की तो यह मामला उजागर हुआ था.