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This Article is From Aug 08, 2023

निरंतर विकास कर रहा है मध्य प्रदेश, गरीब कल्याण को लेकर हम दृढ़ संकल्प : CM शिवराज

सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय जो पहले मात्र 11 हजार थी, आज बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये हो गई है. वहीं देश की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश का योगदान 3 प्रतिशत से बढ़कर 4.8 प्रतिशत हुआ है.

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निरंतर विकास कर रहा है मध्य प्रदेश, गरीब कल्याण को लेकर हम दृढ़ संकल्प : CM शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में नीति आयोग के प्रतिवेदन पर प्रबुद्धजन के साथ परिचर्चा सत्र को संबोधित किया. इस दौरान सीएम को बहुआयामी गरीबी पर तैयार रिपोर्ट की प्रति भी सौंपी गई. रिपोर्ट में बताया गया कि मध्य प्रदेश में 1 करोड़ 36 लाख लोगों को गरीबी से मुक्त करने की यात्रा तय की गई है. मध्य प्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग की ओर से प्रकाशित नीति की संक्षिप्त प्रति भी जारी की गई. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में सामाजिक न्याय के लिए निरंतर बुनियादी नागरिक सुविधाएं बढ़ाएंगे और कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूत बनाएंगे. 

सीएम ने कहा कि गरीब कल्याण हमारा दृढ़-संकल्प है. मध्य प्रदेश निरंतर विकास कर रहा है. समग्र प्रयासों से गरीबी कम होती है. सिर्फ आय वृद्धि ही गरीबी कम होने का आधार नहीं, बल्कि संरचना की मजबूती के साथ नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने, पर्यावरण के संतुलन, वन्य-प्राणियों के संरक्षण जैसे कार्यों से सम्पूर्ण समृद्धि संभव होती है. संसाधनों पर सभी नागरिकों का अधिकार है. उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश यदि सजग मध्य प्रदेश के रूप में गरीबी उन्मूलन योजनाओं में अग्रणी बना है, तो इसके पीछे गत दो दशक में बिजली, पानी, सड़क, सिंचाई जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को मजबूत बनाने के निरंतर किए गए प्रयास शामिल हैं. आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और आर्थिक विकास दर बढ़ाने के प्रयास सफल हुए हैं.

शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश ने जो उपलब्धि अर्जित की है, वह गर्व का विषय है. उन्होंने देश में गरीबी के बोझ को कम करने में मध्य प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने प्रदेश के करोड़ों नागरिकों के साथ ही प्रदेश के विकास में सक्रिय टीम के सभी सदस्यों को गरीबी कम करने के प्रयासों में मिली सफलता के लिए बधाई दी.

बताया गया कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-21 के बीच 1 करोड़ 36 लाख लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. प्रदेश में गरीबी की तीव्रता जो 47.25 प्रतिशत होती थी, वो घटकर 43.70 प्रतिशत रह गई है. बहुआयामी गरीबी की तीव्रता स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन आयामों के औसत प्रतिशत को ध्यान में रखकर देखी जाती है.

रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार प्राप्त कर लेना ही गरीबी से मुक्ति नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अहम प्रश्न है कि गरीबी की परिभाषा क्या है. बुनियादी आवश्यकता रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार का साधन, पढ़ाई और दवाई की व्यवस्था ही गरीबी से मुक्ति नहीं है. प्रत्येक मनुष्य सुखी जीवन का आकांक्षी होता है. इसके लिए शरीर, आत्मा, बुद्धि और मन का सुख आवश्यक माना जाता है. एक समय था, मध्य प्रदेश में न बिजली थी, न पर्याप्त सड़कें, न पानी की व्यवस्था. प्रदेश में लगभग दो दशक में साढ़े सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता को बढ़ाकर 47 लाख हेक्टेयर तक लाने में सफलता मिली है. अनाज का उत्पादन बढ़ा, प्रति व्यक्ति आय जो मात्र 11 हजार थी, आज बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये हो गई है. देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान 3 प्रतिशत से बढ़कर 4.8 प्रतिशत हुआ है.

बेटियों और बहनों को समृद्ध बनाने से गरीबी में कमी
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में बेटियों को बोझ माना जाता था. लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना योजना के क्रियान्वयन से महिलाओं को राशि के साथ ही उनके सम्मान में वृद्धि का काम हुआ है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जहां स्थानीय निकायों में बहनों और बेटियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई. पुलिस में भी बेटियों को 30 प्रतिशत पदों पर नियुक्त करने की पहल हुई. वर्ष 2017 में बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के परिवारों को प्रतिमाह एक हजार रूपए राशि देने की व्यवस्था की गई थी. इसे लागू करने के बाद इम्पेक्ट असेसमेंट में यह सामने आया कि परिवारों के पोषण स्तर में सुधार हुआ है. आज इस योजना के फलस्वरूप ग्रामों में छोटे दुकानदारों की बिक्री बढ़ चुकी है. अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है. शहरों में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है.

गरीबी उन्मूलन में म.प्र. का महत्वपूर्ण योगदान
नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. योगेश सूरी ने कहा कि मध्य प्रदेश का गरीबी उन्मूलन में बड़ा योगदान प्राप्त हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करने में विशेष सफलता मिली है. बहुआयामी गरीबी संकेतक के आधार पर किए गए आकलन के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुआयामी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनसंख्या का प्रतिशत लगभग 19 प्रतिशत कम हुआ है

सामाजिक क्षेत्र में व्यय बढ़ने से कम हुई गरीबी
राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ महीने पहले कहा था कि मध्य प्रदेश अजब-गजब और सजग है. प्रदेश में मौन क्रांति हो रही है. राज्य को अनुशासन के साथ उपलब्धि प्राप्त हुई है. सोशल सेक्टर में व्यय बढ़ने से बहुआयामी गरीबी को कम करने में सफलता मिली है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के प्रयास गरीबी कम करने में सहायक होते हैं. मध्यप्रदेश में विकास का मद बढ़ने से सशक्त समाज की कल्पना को साकार कर एक बड़े तबके को सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं. मध्य प्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला प्रथम राज्य है. शहरों और ग्रामों के गौरव दिवस मनाने की पहल भी सराहनीय है.

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