
Monsoon in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में एक जून से 30 सितंबर के बीच इस मानसून (Monsoon) में औसत वर्षा या दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) से अधिक बारिश होने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी, IMD) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
आईएमडी के भोपाल केंद्र की पूर्वानुमान प्रभारी दिव्या सुरेंद्रन ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में एलपीए क्रमशः 877 मिलीमीटर (मिमी) और 1043.4 मिमी रहा. राज्य में इस बार मौसमी मानसून बारिश से अधिक वर्षा होने की संभावना है. इस महीने (जून) में भी राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.
पिछले साल औसत से अधिक हुई थी बारिश
मौसम विभाग के अन्य अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल मध्यप्रदेश में एलपीए से 15 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी. उन्होंने बताया कि 2024 के मानसून सत्र में रीवा को छोड़कर मध्य प्रदेश के सभी जिलों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई.
अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल दक्षिण-पश्चिम हवा 21 जून को मध्यप्रदेश पहुंची थी. आमतौर पर यह 16 जून के आसपास राज्य में पहुंचती है.
अच्छे मानसून से कृषि उत्पादन में होगी वृद्धि, मंहगाई रहेगी नियंत्रित- रिपोर्ट
न्यूज एजेंसी आईएनएस के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सामान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमान से कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी. यह जानकारी क्रिसिल की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य से अधिक मानसून के लगातार दूसरे वर्ष का पूर्वानुमान सच होता है तो स्वस्थ कृषि उत्पादन, ग्रामीण मांग को मजबूत करने और खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रखने के अर्थव्यवस्था के एक और वर्ष की उम्मीद की जा सकती है.
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