Madhya Pradesh Declared Naxal Free: भारत के नक्सवाद मुक्त होने की डेडलाइन 31 मार्च 2026 है. इससे पहले ही 11 दिसंबर 2025 को ही मध्य प्रदेश अब पूरी तरह नक्सल मुक्त हो गया है. एमपी के जंगलों में सक्रिय आखिरी नक्सली दीपक उर्फ मंगल उइके व रोहित ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नक्सलवाद मुक्त एमपी का ऐलान करने के साथ कहा कि यह सफलता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में तैयार रणनीति का परिणाम है. सीएम ने बताया कि हमारी नीति स्पष्ट थी या तो नक्सलियों को आत्मसमर्पण करवाया जाएगा या उन्हें खत्म किया जाएगा. आज वही नीति सफल हुई.

Madhya Pradesh Declared Naxal Free: मध्य प्रदेश के आखिरी नक्सली दीपक व रोहित।
मध्य प्रदेश में बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के जिले अब पूर्ण रूप से नक्सल मुक्त घोषित किए गए हैं. एमपी से नक्सलवाद के खात्मे के आखिरी चरण में हार्डकोर माओवादी दीपक उर्फ मंगल उइके और रोहित ने आत्मसमर्पण किया है. दोनों पर कुल 43 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले 42 दिनों में 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 7 करोड़ 75 लाख रुपये के इनामी नक्सली शामिल थे. इस ऑपरेशन में 1,000 से अधिक पुलिस और विशेष बलों के जवान और 850 खुफिया अधिकारी शामिल रहे, जिन्होंने पूरी निगरानी की.
एनडीटीवी ने हाल ही बताया था कि एमएमसी जोन में केवल छह नक्सली शेष थे और उनकी भी जल्द आत्मसमर्पण की संभावना थी. उधर, एमपी सीएम मुख्यमंत्री ने कहा, "मध्य प्रदेश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर देना हमारी प्राथमिकता थी. यह न केवल सुरक्षा बलों की मेहनत बल्कि जनता के सहयोग का भी परिणाम है."

नक्सली दीपक बालाघाट व रोहित छत्तीसगढ़ का निवासी
11 दिसंबर 2025 को मध्य प्रदेश के बालाघाट पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी संजयकुमार, सीआरपीएफ आईजी नीतू भट्टाचार्य, कलेक्टर मृणाल मीना और एसपी आदित्य मिश्रा मौजूद रहे. आईजी संजय कुमार ने बताया कि नक्सली दीपक बालाघाट जिले के पालागोंदी का रहने वाला है जबकि रोहित छत्तीसगढ़ का निवासी है. सरेंडर के समय दीपक ने कार्बाइन गन और कारतूस भी समर्पित किए हैं.
बालाघाट जिला कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि बालाघाट जिले में नक्सल गतिविधियों के कारण लगभग सौ गांवों के आदिवासी ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं और अन्य मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने में दिक्कत आ रही थी. चूंकि अब जिला नक्सल मुक्त हो चुका है ऐसे में उपरोक्त प्रभावित गांवों में विकास की धारा बहेगी.

10 हार्डकोर नक्सलियों ने एक साथ डाले थे हथियार
बता दें कि मध्य प्रदेश के बालाघाट में 7 दिसंबर की अपराह्न साढ़े तीन बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने 10 हार्डकोर नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया था. मध्य प्रदेश में "पुनर्वास से पुनर्जीवन" के तहत नक्सलियों का यह कोई साधारण सरेंडर नहीं था, क्योंकि इनमें से कई नक्सली कैडर KB और MMC ज़ोन में वर्षों तक खूनी वारदातों का हिस्सा रहे हैं.
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