Madhya Pradesh Assembly Election 2023: चुनाव जीतने के बाद मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा यह अभी तक एक सस्पेंस बना हुआ है. दरअसल भाजपा ने इस बार सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया है. इस संबंध में पूछे जाने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि उनकी पार्टी का संसदीय बोर्ड इस बात पर फैसला करेगा कि 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार कर किया कंफ्यूज
दरअसल, सत्तारूढ़ भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों - नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल के अलावा पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित सात लोकसभा सदस्यों को मैदान में उतार रखा है. इससे संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने विकल्प खुले रखे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि यह पार्टी की परंपरा है कि संसदीय बोर्ड निर्णय लेता है. उन्होंने कहा कि पार्टी के जीतने पर विधायकों की राय ली जाएगी. प्रसाद ने कहा कि एक योग्य व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा.
शाह ने भी नहीं लिया था शिवराज का नाम
इस साल अगस्त में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब पूछा गया था कि अगर चुनाव के बाद भाजपा सत्ता बरकरार रखती है, तो क्या मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया था. शाह ने कहा था कि आप (मीडिया) पार्टी का काम क्यों कर रहे हैं? हमारी पार्टी अपना काम करेगी. शिवराज सिंह मुख्यमंत्री हैं और हम चुनाव में हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज के विकास कार्यों को जनता तक ले जाना अभी प्राथमिकता है.
फिलिस्तीन पर कांग्रेस को घेरा
विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि जब हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर हमला किया, तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी निंदा की, लेकिन साथ ही भारत ने फिलिस्तीन में जरूरतमंद लोगों की मदद की. लेकिन कांग्रेस का रुख वही है, जो केरल में मुस्लिम लीग का था. हमास के एक नेता ने केरल में एक रैली को संबोधित किया, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुई है.
सनातन पर भी कांग्रेस को घेरा
उन्होंने सवाल किया कि जब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' के घटकों ने सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया कहा, तो क्या कांग्रेस ने विरोध किया था? भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि एक तरफ कांग्रेस सनातन धर्म का अपमान होने पर चुप्पी साध लेती है. वहीं, दूसरी तरफ वोट के लिए हमास से जुड़ने की कोशिश करती है. मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को चुनाव होंगे और 3 दिसंबर को मतगणना होगी.
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