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माधव टाइगर रिजर्व में सैलानियों के चेहरे पर लौटी खुशी, जंगल में आए मादा मेहमान की दहाड़ ने तोड़ी खामोशी

Madhav Tiger Reserve: शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में एक और मादा टाइगर को छोड़ा गया है. जैसे ही पिंजरा खुला तो उसने देखते ही देखते पिंजरे से निकलकर दौड़ लगा दी और अपना ठिकाना ढूंढना शुरू कर दिया.

माधव टाइगर रिजर्व में सैलानियों के चेहरे पर लौटी खुशी, जंगल में आए मादा मेहमान की दहाड़ ने तोड़ी खामोशी

Tigress  Movement in Madhav Tiger Reserve: शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में एक और मादा टाइगर को छोड़ा गया है. इस मादा टाइगर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से शिवपुरी लाया गया है. अब माधव टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या आठ पहुंच गई है. बता दें कि माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में इस नई मादा टाइगर को मिलाकर चार मादा, दो नर और दो शावक टाइगर हो गए हैं. बढ़ती टाइगरों की संख्या से पर्यटक उद्योग को भी बल मिला है और लगातार पर्यटक इस क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि टाइगर और उसकी दहाड़ सरकार और वन प्रशासन दोनों को उत्साहित कर रही है.

पिंजरा खुलते ही जंगल की तरफ दौड़ी मादा टाइगर

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाई गई. इस मादा टाइगर ने पिंजरे में बंद रहकर लंबा सफर तय किया. हालांकि जैसे ही पिंजरा खुला सामने देखा तो माधव टाइगर रिजर्व का जंगल था, जहां उसने देखते ही देखते पिंजरे से निकलकर दौड़ लगा दी और अपना ठिकाना ढूंढना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि वह जंगल में बाघों की खुशबू की तरफ बढ़ती हुई दिखाई दे रही है.

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जंगल में छोड़ने से पहले सुरक्षा के किए गए इंतजाम

इससे पहले सितंबर माह में बाघिन MT-3 ने दो शावकों को जन्म दिया था, जिससे रिजर्व में बाघों की आबादी को और मजबूती मिली थी. इस बाघिन को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाया गया था, उसे जंगल में छोड़ने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे.

माधव नेशनल पार्क में बाघों का पुनर्वास लगभग 27 साल के अंतराल के बाद 10 मार्च 2023 को शुरू हुआ. उस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नर और एक मादा बाघ को जंगल में छोड़ कर प्रयास शुरू किए थे. इसके बाद एक और मादा बाघ को छोड़ा गया, जिसके कुछ ही समय बाद माधव को टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हुआ.

 नर बाघ 'तांडव' को रिजर्व में बसाया गया था 

हाल ही में 10 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक और बाघिन को छोड़ा था. वहीं अप्रैल माह में 'तांडव' नाम के एक नर बाघ को भी रिजर्व में बसाया गया. टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद से माधव टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला है.

कई बड़े होटल समूह और टूरिज्म एजेंसियां यहां होटल और रिसॉर्ट विकसित कर रही हैं, जिससे स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है. 27 साल पहले शुरू किए गए प्रदेश सरकार की पहल को अब साकार होते देखा जा सकता है.

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