
जन्माष्टमी का दिन शाजापुर में भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए खुशी का दिन रहा. दरअसल, भगवान श्री कृष्ण शाजापुर कोतवाली थाने के मालखाने से मुक्त होकर फिर से मंदिर पहुंच गए हैं. इसके बाद भक्तों को फिर से भगवान के दर्शन मिले. पौराणिक तौर पर यह ठीक वैसा ही प्रसंग है जब भगवान श्री कृष्ण को वासुदेव जी कारागृह से निकालकर गोकुल ले गए थे.
यह पूरा मामला शाजापुर शहर के मंगलनाथ मंदिर से जुड़ा है. इस मंदिर से बीते 26 अगस्त को एक नाबालिग ने चांदी की धातु लगी 6 इंच की भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को चुरा लिया था. चोरी की इस घटना के बाद मंगलनाथ मंदिर से जुड़े शिवलाल परिहार ने कोतवाली थाने में चोरी का प्रकरण दर्ज करवाया था. जिसके बाद मामले की जांच करते हुए कोतवाली पुलिस नाबालिग चोर को गिरफ्तार कर उसके पास से भगवान श्री कृष्ण की चांदी की प्रतिमा और अन्य सामान बरामद किया था. इस पूरी घटना के बाद कानूनी प्रक्रिया और कार्रवाई में लगभग 2 हफ्ते का वक्त लग गया और संयोग से आज जन्माष्टमी के मौके पर कोतवाली थाने के मालखाने में रखी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को पुलिस ने विधिवत तौर पर मंदिर समिति के लोगों को सौंप दिया.

बीते 26 अगस्त के मंगलनाथ मंदिर से नागालिग चोर ने भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति चुरा ली थी.
15 दिन बाद फिर मंदिर लोटे भगवान श्री कृष्ण !
मंगलनाथ मंदिर में विराजित भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा कोतवाली पुलिस ने नाबालिक चोर से बरामद कर ली थी. जिसके बाद से यह प्रतिमा कोतवाली के मालखाने में सुरक्षित रखी हुई थी. पुलिस द्वारा आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद आज मंगलनाथ मंदिर समिति से जुड़े लोग और दूसरे भक्त बड़ी संख्या में कोतवाली थाने पहुंचे. जहां भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को पुलिस से प्राप्त कर मंदिर में स्थापित किया. इन लोगों का कहना था कि भगवान श्री कृष्ण आधुनिक कारागृह यानी कोतवाली में थे. आज इन्हें यहां से वापस अपने घर गोकुल याने मंगलनाथ मंदिर ले जाकर विराजित किया गया है.
कोतवाली थाना पुलिस ने बताया कि बीते 26 अगस्त को मंगलनाथ मंदिर से भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा चोरी की शिकायत दर्ज हुई थी. इस पर एक नाबालिक को हिरासत में लेकर चोरी हुई प्रतिमा बरामद कर ली गई थी. अब कोर्ट की आवश्यक प्रक्रिया के बाद प्रतिमा मंदिर समिति के लोगों को सौंप दी गई है.