विज्ञापन
This Article is From Aug 06, 2024

MP में टपकती छत और गीले क्लास रूम... कैसे पढ़ाएं हम! शिक्षक ने खुद वीडियो बनाकर खोली सिस्टम की पोल

Shivpuri: 30 साल पुरानी जर्जर इमारत में जान जोखिम डालकर पहुंचते हैं मासूम, लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं है. शिवपुरी के सरकारी स्कूलों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. 

MP में टपकती छत और गीले क्लास रूम... कैसे पढ़ाएं हम! शिक्षक ने खुद वीडियो बनाकर खोली सिस्टम की पोल
सरकारी स्कूल की हालत गंभीर

Government School in Shivpuri: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार बच्चों के साथ हो रही दुर्घटनाओं की तस्वीर सामने आ रही हैं... उसमें बात सागर की हो या रीवा की, लेकिन प्रशासन इन तस्वीरों से कोई सबक लेने के मिजाज में नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि मासूम बच्चों की फिक्र करते हुए शिवपुरी (Shivpuri) के एक स्कूली शिक्षक ने वीडियो (Teacher Viral Video) बनाकर स्कूल की जर्जर इमारत, टपकती छत और गीले क्लास रूम की वजह से बच्चों की परेशानियां और उनकी जिंदगी पर बने जोखिम की जानकारी सार्वजनिक की है. शिक्षक का कहना है कि वह कई बार आला अधिकारियों को बिल्डिंग की जर्जर हालत के बारे में बता चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती...

जर्जर हाल में क्लास रूम

दरअसल, शिवपुरी जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर यह जिले के बदरवास विकासखंड का खिरिया प्राथमिक विद्यालय है. यहां 54 बच्चे प्राथमिक विद्यालय में दर्ज हैं. लगातार भारी बारिश हो रही है और इन बच्चों की पढ़ाई की जगह, यानी स्कूल बिल्डिंग की जर्जर हो चुकी छत से पानी टपकता है. क्लास रूम गीले रहते हैं, लेकिन जान जोखिम में डालकर खुद को शिक्षित करने की मजबूरी है. 

वीडियो बनाकर बच्चों की चिंता की जाहिर

मध्य प्रदेश में सागर और रीवा के घटनाक्रम को कौन भूल सकता है. जहां बच्चों ने लापरवाही की भेंट चढ़कर अपनी जिंदगी गवा दी. यही वजह है कि स्कूल शिक्षक रवि गोस्वामी ने बच्चों की फिक्र करते हुए एक वीडियो जारी किया है. उसमें अपनी तकलीफ के साथ बच्चों की परेशानी को भी बताया. सरकारी सिस्टम की पोल खोली है. वह भी मजबूर होने के बाद जब कई बार जिम्मेदारों को जानकारी देने के बावजूद भी कुछ नहीं हुआ. 

वह कहते हैं कि जब भारी बारिश का दौरा इलाके में जारी है और इस बिल्डिंग में बच्चों की मौजूदगी उन्हें डर के बीच बच्चों की फिक्र सताती है. यही वजह है कि वह और उनके प्रधानाध्यापक कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को बिल्डिंग की खस्ता हालत की जानकारी दे चुके हैं.

30 साल पहले बनी इमारत, नहीं हुआ मेंटेनेंस

बताया जाता है कि इस प्राथमिक विद्यालय की इमारत 30 साल पहले बनाई गई और 30 साल से इस इमारत में किसी भी प्रकार का कोई मेंटेनेंस नहीं किया गया. यही वजह है कि भगवान के भरोसे छोड़ी गई इमारत और बच्चों की जिंदगी अब खतरे में है. स्कूल के शिक्षक को तो बच्चों की चिंता है, लेकिन अधिकारियों को बच्चों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है.

ये भी पढ़ें :- जल्द एम्स भोपाल में ROBOT करेंगे मरीजों का इलाज, 60 करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे 2 रोबोट

अकेला नहीं है यह जर्जर स्कूल

एनडीटीवी अपनी कई ग्राउंड रिपोर्ट्स के जरिए यह सामने रख चुका है कि अकेला यह स्कूल ही जर्जर नहीं है. बल्कि कई ऐसे स्कूल है, जो जर्जर हो चुके हैं. जिनका 30 साल से कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ और इनकी संख्या एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ा भर से ज्यादा है. लेकिन, प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है. ऐसा लगता है क्योंकि यह तस्वीर तो कुछ यही बयां करती है.

ये भी पढ़ें :- Indore: श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम की एक और बालिका की गई जान, अब तक कुल 11 मासूमों ने तोड़ा दम

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close