Freedom Fighter: जबलपुर के आखिरी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने भी कहा अलविदा, CM ने जताया दुख, ऐसी थी कहानी

Freedom Fighter Passed Away: कोमल चंद जैन ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा लिया था. अगस्त 1942 में उन्हें 28 दिन कारावास में गुजारने पड़े थे. स्वर्गीय कोमल चंद जैन के दो बेटे और दो बेटियां हैं. नाती-पोते और पोतियां भी हैं. कोमलचंद जैन के बेटे शरद जैन और बसंत जैन पारिवारिक व्यापार संभालते हैं.

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Freedom Fighter Passed Away: कोमल चंद जैन का निधन

मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक सम्मानित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोमलचंद जैन, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, उनका देर रात उनका निधन हो गया. कोमलचंद जैन ने अपने जीवनकाल में स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण क्षणों को देखा और उसमें सक्रिय भागीदारी की थी. मात्र 13 वर्ष की आयु में 8 अगस्त 1942 को उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर "भारत छोड़ो आंदोलन" के प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके तहत वे जबलपुर में अगस्त क्रांति का हिस्सा बने. "करो या मरो" के नारे से प्रेरित होकर, वे अपने हमउम्र साथियों के साथ कमानिया गेट-फुहारा क्षेत्र में तिरंगा फहराने के लिए आगे आए और जेल गए थे. कोमलचंद जैन ने अपने दो बड़े भाइयों, प्रेमचंद जैन और नेमचंद जैन के साथ भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल यात्रा भी की थी. इनके निधन पर सीएम मोहन यादव ने दुख जताया है. 19 मार्च बुधवार को राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पहले सुनिए उनकी कहानी

2023 में NDTV के साथ हुई चर्चा के दौरान कोमलचंद जैन ने बताया था कि किस तरह गांधी जी ने 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' और 'करो या मरो' के दो नारे दिए थे, जिसके बाद वे अपने घर को छोड़कर आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने सड़कों पर उतर आए थे. अगस्त 1942 में उन्हें 28 दिन कारावास में गुजारने पड़े थे.

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कोमल चंद जैन ने बताया था कि पूर्व दिशा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की अगुवाई में आजाद हिंद फौज आगे बढ़ी चली जा रही थी. वहीं, देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो की गूंज फैली हुई थी. ये वह दौर था जब द्वितीय विश्वयुद्ध भी चल रहा था.

कोमलचंद जैन ने आजादी के दौरान बंटवारे की यादों को भी साझा किया. उन्होंने बताया कि उस वक्त उनकी 13 वर्ष की ही उम्र थी. लेकिन देशभक्ति की ललक ने उन्हें आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया. 

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CM मोहन ने जताया दुख

सीएम मोहन यादव ने लिखा कि जबलपुर निवासी स्वतंत्रता सेनानी कोमलचंद जैन जी के निधन का समाचार सुनकर मन अत्यंत दुःखी है. स्वतंत्रता आंदोलन में आपका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय रहेगा. देश की युवा पीढ़ी को आपसे राष्ट्र सेवा के लिए सदैव समर्पित रहने की प्रेरणा मिलेगी. ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.

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