Women World Cup 2025 Winner Kranti Gaur: विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 पर भारत का कब्जा रहा. वुमन विश्व कप विजेता बनी भारतीय टीम का हिस्सा मध्यप्रदेश की क्रांति गौड़ भी है. भारतीय टीम की जीत और क्रांति गौड़ के प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने उन्हें बधाई दी. साथ ही मध्यप्रदेश सरकार की ओर से भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये का इनाम देने की भी घोघणा की.

क्या बोले सीएम यादव?
सीएम यादव ने कहा कि बीती रात प्रदेश की बेटी और देश की बेटियों ने जिस प्रकार से धूम मचा, उसकी मैं सबको बधाई देना चाहता हूं. देश की बेटियां लगातार आगे बढ़ रही हैं और पीएम मोदी के मार्गदर्शन देश जैसे आगे बढ़ रहा है, ये उसी के प्रमाण हैं. भारतीय विजेता टीम में प्रदेश की बेटी क्रांति गौड़ भी शामिल हैं, सरकार की ओर से उन्हें एक करोड़ रुपये की प्रोत्शाहन राशि दी जाएगी, इसकी मैं घोषणा करता हूं.
जानिए क्या है क्रांति गौड़ की कहानी, नंगे पैर खेलीं, मां ने बेचे गहने
छतरपुर जिले के घुवारा गांव की रहने वाली क्रांति गौड़ आज देश की Women's Cricket World Cup Winner टीम का हिस्सा हैं, लेकिन उनकी यह सफलता संघर्ष, त्याग और हिम्मत की कहानी है. कभी सूखी, ऊबड़-खाबड़ जमीन पर जूते नहीं होने पर नंगे पैर क्रिकेट खेलने वाली क्रांति ने अपनी मेहनत और जुनून से इतिहास रच दिया. आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली क्रांति ने गांव में लड़कों के साथ टेनिस बॉल क्रिकेट (Tennis Ball Cricket) खेलना शुरू किया, क्योंकि वहां लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती थीं. इस दौरान उन्हें अक्सर मां से डांट पड़ती थी, वे कहती थीं कि “ये तो लड़कों का खेल है”, लेकिन क्रांति ने हार नहीं मानी. जल्द ही उसने छोटे-छोटे टूर्नामेंट में खेलना शुरू कर दिया.
14 साल की उम्र में हाथ में थामी थी लेदर बॉल
क्रांति जब 14 साल की हुईं तो उन्होंने लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया. उन्होंने अपनी मध्यम गति की गेंदबाजी से जल्द ही स्थानीय टूर्नामेंटों में पहचान बनाई. इसी के दम पर वे राज्य स्तरीय टीम में शामिल हुईं. इसके बाद उन्होंने अपनी दम पर राष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय किया.
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पहला मौका जिसने जिंदगी बदल दी
साल 2017 में नौगांव में आयोजित Inter-State Cricket Tournament में सागर टीम की एक खिलाड़ी बीमार पड़ गई. तभी कोच सोनू ने क्रांति से पूछा कि क्या वो खेलना चाहेंगी. क्रांति ने बिना झिझक हां कहा. यह उनका पहला Leather Ball Match था, जिसमें उन्होंने 25 रन बनाए और 2 विकेट लेकर Player of the Match बनीं. यही मैच उनका टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
जब मां ने गहने बेचकर भेजा खेलने
क्रांति की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. पिता पुलिस विभाग में थे, लेकिन किसी कारण से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ गई थी. इस कारण छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं क्रांति के लिए हर कदम पर मुश्किलें थीं. कई बार तो उनके पास खाने के भी पैसे नहीं होते थे. ऐसे में उनके कोच राजीव बिल्थरे ने क्रांति की मदद की और उनके लिए जरूरी संसाधन जुटाए. क्रांति कहती हैं कि एक बार मां ने अपने गहने बेचकर उन्हें मैच खेलने भेजा था.
विश्व कप में शानदार प्रदर्शन
मई 2025 में क्रांति गौड़ ने श्रीलंका के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में शानदार गेंदबाजी की. लेकिन असली पहचान उन्हें आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में मिली, जहां उन्होंने तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया. इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ भी उन्होंने 6 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था. वहीं, विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने एक विकेट लेकर भारत की जीत में योगदान दिया.
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