
MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा में पिछले दिनों एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला. कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल रो पड़े. यह घटना प्रश्नकाल के दौरान हुई. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विधायक अभय मिश्रा के सवाल पर मंत्री की आंखों में क्यों आंसू आए? अब खुद अभय मिश्रा ने इसकी वजह बताई है.
कांग्रेस विधायक ने कहा कि वो संवेदना से भरा सवाल था. सब लोग स्तब्ध हो गए थे. मैंने मंत्री जी से पूछा कि आप क्यों भावुक हो गए थे तब उन्होंने बताया कि बच्चे त्योहार मनाने के लिए घर आने में डरते हैं. मैंने विधायक बनकर पाप कर दिया क्या? आप तक होता तो बात अलग थी लेकिन बच्चों का नाम जोड़ दिया तो आंख में आंसू आ गए.
क्या है मामला?
16 दिसंबर 2022 को सेमरिया विधायक अभय मिश्रा और उनके पुत्र के खिलाफ एक टीआई ने मामला पंजीकृत किया था. जिसे बाद में गलत पाया गया. विधानसभा में पहली बार सभी पार्टी के नेताओं ने एक मत से टीआई को निलंबित करने की बात कही. मंत्री पटेल ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए अभय मिश्रा का समर्थन करते हुए नम आंखों से कहा था, आप ठीक कह रहे हैं अभय मिश्रा जी.
‘रीवा का नाम बदलकर समदडिया नगर रख दिया जाए'
आरोप है कि रीवा में समदडिया बिल्डर को लाखों करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम दे दी गई. इसे लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने तो यह तक कह दिया था कि रीवा का नाम बदलकर समदडिया नगर रख दिया जाए. अभय मिश्रा का कहना है, यह 3000 करोड रुपए से ज्यादा बड़ा जमीन का घोटाला है, इसके साक्ष्य भी उन्होंने प्रस्तुत किए हैं. विधायक अभय मिश्रा का आरोप है कि जो जमीन 40 से 45 हजार रुपए स्क्वायर फीट बिक रही है, उसे केवल 69 रुपए स्क्वायर फीट में बिल्डर को दे दिया गया. यह घोटाला नहीं तो क्या है?
विधानसभा में गूंजा था मामला
पिछले दिनों मध्य प्रदेश विधानसभा में कई सवाल जमकर गूंजे थे, जिसमें कुछ सत्ता पक्ष के थे, तो कुछ विपक्ष के थे. उसी में से दो सवाल रीवा जिले के सेमरिया क्षेत्र के विधायक अभय मिश्रा के भी शामिल थे. उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा करने की कोशिश की. अभय मिश्रा और उनके बेटे के खिलाफ रीवा के चोरहटा थाना में एक मामला दर्ज कर लिया गया था, जिसे बाद में गलत पाते हुए अभय मिश्रा और उनके बेटे का नाम हटा दिया गया था. इस मामले को अभय मिश्रा ने विधानसभा में उठाते हुए कहा था कि अब तो रीवा में बेटों को लाने में भी डर लगता है. जिसका समर्थन विधानसभा में मौजूद सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने किया. इसी दौरान मंत्री शिवाजी पटेल की आंखों में तो आंसू आ गए थे. उन्होंने कहा था कि अभय मिश्रा आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं. पुलिस से अब डर लगने लगा है. वहीं दूसरी ओर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने समदडिया बिल्डर को रीवा की सरकारी जमीन कौड़ियों के दाम दिए जाने के अभय मिश्रा के सवाल पर यहां तक कह दिया था कि रीवा का नाम बदल दीजिए.
अभय मिश्रा ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए जमीन के मामले में कई घोटालों का आरोप लगाया था. अभय मिश्रा ने तो यहां तक कह दिया था जो जमीन रीवा में 40 से 45000 रुपए स्क्वायर फीट खड़े-खड़े बिक जाएगी, जबकि उस जमीन को 69 रुपए स्क्वायर फीट में बेचा गया. इसके चलते रीवा में जमीन का एक बड़ा घोटाला हुआ. जांच कराई जाए तो यह जांच 3000 करोड़ से ज्यादा की निकलेगी. अभय मिश्रा का साफ तौर से आरोप था कि एक जमीन में 2 महीने के अंदर छह बार विज्ञापन निकालने की बात कही जा रही है. जबकि सरकारी नियम के मुताबिक, 28 दिन एक विज्ञापन की समय सीमा होती है. समदड़िया बिल्डर ने पहले जिस जमीन के लिये 121 करोड़ की बोली लगाई थी, उसे बाद में 76 करोड़ कर दिया. दूसरे को मौका नहीं मिला. यह सब क्या है?
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