
मध्यप्रदेश में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में खरगोन और खंडवा जिला एनर्जी हब के रूप में जाना जाता है. ऊर्जा विकास निगम के रीवा अल्ट्रा मेघा सोलर लिमिटेड कंपनी ने फेस 3 में सोलर फ्लोटिंग प्लांट लगाए हैं. इस सोलर प्लांट का निर्माण एनएचडीसी के तहत टाटा और एम्प एनर्जी के साथ एल एंड टी कंपनी कर रही है.
दरअसल, यह विश्व का सबसे बड़ा पानी पर तैरता हुआ सोलर फ्लोटिंग प्लांट है, जिसे ओंकारेश्वर डैम के बैकवॉटर पर बनाया जा रहा है. बता दें कि इस प्लांट के फेस वन और फेस टू का शुभारंभ पीएस संजय दुबे और एमडी कर्मवीर ने हरी झंडी दिखाकर किया. वहीं शुभारंभ के बाद अब नर्मदा के बैकवाटर पर पैनल इंस्टॉल करने का कार्य किया जाएगा.
600 मेगावाट बिजली का किया जाएगा उत्पादन
ऊर्जा विकास निगम के रीवा अल्ट्रा मेघा सोलर लिमिटेड के सोलर इंजीनियर गौरव बारी ने बताया कि इस सोलर पावर प्लांट 3 फेस में तैयार हो रहा है. इससे लगभग 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. यह विश्व का पहला पानी पर तैरता हुआ सोलर फ्लोटिंग प्लांट है. उन्होंने आगे बताया कि यहां से सक्तापुर में 400 मेगावाट बिजली का पावर स्टेशन बनाया जा रहा है. इसी तरह ग्राम चित्रमोड के पास 200 मेगावाट का सब पावर स्टेशन बनाया जा रहा है. वहीं फेस वन और फेस टू का 50% कार्य पूर्ण हो चुका है.
जल्द होगा सोलर फ्लोटिंग प्लांट का निर्माण कार्य पूरा
बता दें कि नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर डैम से 800 मेगावाट, ओंकारेश्वर पावर स्टेशन से 510 मेगावाट, सिंगाजी थर्मल पावर से 600 मेगावाट और सुपर थर्मल पावर सेल्दा से 1320 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है. हालांकि कुछ महीनों के बाद सोलर फ्लोटिंग प्लांट से 600 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा.