
प्याज की कीमतें आसमान में न पहुंचे, इसके लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया है. दरअसल, प्याज को विदेश में बेचने पर विक्रेता को 40 फीसदी शुल्क सरकार को देना होगा. वहीं केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश के खंडवा में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
किसान बोले-प्याज के कलियों को बोए या बेच दें
खंडवा में किसानों ने सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए 40 फीसदी शुल्क के फैसले के विरोध में कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध प्रर्दशन किया. इस दौरान किसान सरकार के विरोध में गीत गाए और नारे भी लगाए. इतना ही नहीं इस दौरान किसान अपने साथ प्याज की कलियां भी लेकर आए. वहीं किसानों ने चेतावनी भी दी कि सितंबर माह में प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे के दौरान वो उनका विरोध करेंगे. बता दें कि किसान भारतीय किसान संघ के बैनर तले कलेक्टर कार्यलय परिसर में धरना प्रर्दशन किए.
किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार प्याज निर्यात शुल्क लगाए जाने का फैसला वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय मे इसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा और हमारी मांगे नहीं मानी गई तो सितंबर माह में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनका विरोध करेंगे.
आदि शंकराचार्य के 108 फीट ऊंची प्रतिमा का करेंगे अनावरण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल सितंबर महीने में खंडवा के ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य के 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के लिए पहुंचेंगे.
40 फीसदी शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश भर में प्याज के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी है. सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यह कदम उठाया है. इसके तहत प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी का भारी-भरकम शुल्क लगाया गया है. केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर 2023 तक के लिए 40 फीसदी का शुल्क लगाने का निर्णय लिया है.
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